INDI के सदस्य 11 सीटों पर आमने सामने दिखेंगे
राहुल और तेजस्वी के बीच रस्साकशी अब इंडी गठबंधन में फूट तक पहुंची
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया के साथ ही महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर फूट खुलकर सामने आ चुकी है. कांग्रेस और लालू की पार्टी राजद की कमान संभाल रहे तेजस्वी के बीच खींचतान ने इंडी गठबंधन को मुश्किल में डाल दिया है. दोनों दल अब तक 11 सीटों पर आमने सामने उम्मीदवार खड़े कर चुके हैं जिसमें बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की सीट भी शामिल है. कुटुंबा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और राजद से सुरेश पासवान खड़े हैं. कांग्रेस ने पहले ही राजेश राम का नाम कुटुंबा से दे दिया था लेकिन राजद ने सुरेश पासवान को टिकट दे दिया है. पासवान 20 अक्तूबर को नामांकन जमा करने की तैयारी में हैं और राजेश राम का कहना है कि मैं पीछे हटने को तैयार नहीं हूं.
इन हालात पर लोजपा के मुखिया चिराग पासवान ने कहा है कि जो लोग बिहार को स्थिर सरकार देने की बात करते हैं, वे सीटों पर लड़ने की सहमति तक नहीं बना पा रहे हैं. कांग्रेस और राजद का टकरावर जल्द नहीं सुलझता है तो पूरे गठबंधन पर असर पड़ना तय है.कांग्रेस ने शनिवार को 11 सीटों में से 5 पर उम्मीदवारों की घोषणा की है. इस बीच ठंडी गठबंधन के ही झामुमो ने भी छह सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं. कांग्रेस ने नरकटियागंज पर राजद के साथ कोई समझौता न होने के बाद भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है. किशनगंज, कस्बा, ओढनिया और गया टाउन में कांग्रेस के प्रत्याशी तय हो चुके हैं जबकि इन पर इंडी के दूसरे घटक दावे कर ही रहे थे. साफ है कि महागठबंधन में समन्वय की कमी है और हर दल अपनी दादागिरी चलाने की कोशिश में है. इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने सोशल मीडिया पोस्ट डालकर इंडी में दरार को अलग ही रंग देने की कोशिश कर दी और इसे दलित राजनीति से जोड़ दिया. राजद खेमा ऐसे ट्वीट पर नाराजगी जता रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इंडी गठबंधन की यह रस्साकशी कहां रुकेगी कहां रुकेगी कहा नहीं जा सकता लेकिन यह साफ है कि इंडी के सदस्य कई सीटों पर आपस में सामने उलझते दिखेंगे जबकि कई सीट पर इसका असर सेबोटेज के रुप में सामने आएगा.