August 21, 2025
देश दुनिया

INDI Alliance सरकार के नए विधेयक से नाराज

एक महीने जेल में रहने वाले नेता से संवैधानिक पद छीनने वाले विधेयक पर हंगामा

कोई भी सामान्य व्यक्ति इस बात पर खुश होगा कि संसद के नए बिल के पास होने के बाद पांच साल से ज्यादा की सजा पाए या एक महीने से ज्यादा समय जेल में रहे व्यक्ति को पद से हटना ही होगा. इंडी गठबंधन ने तय किया है कि वह सजायाफ्ता नेताओं को बचाने के लिए विपक्ष की एकजुटता सामने रखकर बिल का विरोध करेगा. बुधवार को पेश विधेयक के तहत संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति को एक महीने जेल में रहने पर पद से इस्तीफा देना जरुरी होगा. सरकार कह रही है कि भ्रष्टाचार और आपराधिक छवि के नेताओं को सत्ता से दूर रखने के लिए यह कोशिश की जा रही है जबकि विपक्ष का कहना है कि सरकार इस कानून को विपक्ष के खिलाफ इस्तेमाल करने वाली है और ऐसा करना लोकतंत्र के खिलाफ साजिश है.
विपक्ष का कहना है कि संवैधानिक पदों पर बैठे विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए सरकार अपने औजार पर धार कर रही है. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम और वाम दलों ने इसे असंवैधानिक करार दिया है. दूसरी तरफ सरकार का तर्क है कि इससे जेल की सजा भुगत चुके और गंभीर आरोपों में फंसे उन नेताओं पर रोक लगेगी जो अपराध के बाद भी सत्ता में बने रहना चाहते हैं.
आमतौर पर यह प्रावधान भ्रष्टाचार और आपराधिक राजनीति को रोकने में बड़ा कदम माना जा रहा है लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह सिर्फ विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाने का एक खेल है. कांग्रेस सांसद प्रियंका वाड्रा ने इसे अलोकतांत्रिक और संविधान विरोधी बताते हुए कहा कि ऐसे तो बिना दोष सिद्धि के किसी को भी जेल भेजकर उसे पद से हटाना संभव हो जाएगा.
समाजवादी सांसद राजीव राय ने इस विधेयक को लोकतंत्र की हत्या करने वाला बताया है. वकील और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए पूछा है कि क्या मोदी सरकार देश को पुलिस राज्य में बदलने में लगी है. वाम दलों ने भी विधेयक को विपक्षी सरकारों को बाधित करने वाला बताया है. सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि विधेयक का उद्देश्य यह तय करना है कि जो व्यक्ति जो जेल में है, वह संवैधानिक पद पर न रहे.