June 21, 2025
देश दुनिया

Inclusive Development की थीम है विश्व दिव्यांग दिवस की

सामाजिक समावेशन और उनके अधिकारों पर विशेष ध्यान

प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को मनाए जाने वाले विश्व दिव्यांग दिवस का प्रमुख उद्देश्य विकलांगता के मुद्दे पर जागरूकता लाना और ऐसे व्यक्तियों के अधिकारों के लिए समान अवसरों की कोशिश करना है, विश्व दिव्यांग दिवस पर आइये इस संदर्भ में कुछ तथ्य जानें. विकलांगता में व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक, या संज्ञान क्षमता प्रभावित होती है जिससे जीवन सामान्य नहीं रह जाता है. विकलांगता जन्मजात, दुर्घटना, बीमारी जैसे कारणों से भी होती है. इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1992 में थी क्योंकि माना जाता है कि दुनिया की 15 प्रतिशत आबादी किसी न किसी दथ्व्यांगता से पीड़ित है. इसमें ऐसे व्यक्तियों के अधिकारों पर जागरुकता के लिए एक यह दिवस आयोजित करने की पहल हुई, इस वर्ष 2024 की इस दिवस की थीम है, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सामाजिक समावेशन (Inclusive Development).

भारत में इसकी दर 2011 की जनगणना में 2.21 प्रतिशत मानी गई थी (लेकिन इस परिभाषा में कई विकलांगता को शामिल नहीं किया गया था.) इनमें लगभग 1.5 करोड़ पुरुष और 1.18 करोड़ महिलाएं हैं. RPWD अधिनियम 2016 से पहले, केवल सात विकलांगताओं को मान्यता थी लेकिन अब 21 तरह की विकलांगताओं को मान्यता है. एक तथ्य यह भी है कि भारत में विकलांगों 69 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण इलाकों में है और इनमें से 35.29 प्रतिशत ही स्कूल पहुंच पाते