IAS Shrinath कुली से आईएएस तक का सफर
संघर्ष से सफलता की श्रीनाथ की प्रेरणादायक कहानी
इस साल के यूपीएससी में सफल रहे लोगों के इंटरव्यू चल रहे हैं लेकिन इनके बीच एक नाम जो पिछले साल हेडलाइन बना था आज भी इन सभी को पीछे छोड़ रहा है और वह नाम है श्रीनाथ का. केरल के शहर एर्नाकुलम को देश पढ़ाई में अव्वल होने की वजह से ही जानता है और जब यहां मुन्नार से आए श्रीनाथ के कदम पड़े तब उनके पास कुछ नहीं था. इसके बाद जब वे मुंबई पहुंचे तो उन्होंने एक कुली के रूप में कठिन परिश्रम से वाले काम से परिवार का साथ देना शुरु किया ताकि आर्थिक जिम्मेदारियों में उनकी भागीदारी बनी रहे. दिन-रात मेहनत करते श्रीनाथ को दिन भर में मजदूरी बतौर 400-500 रुपये की कमाई होती थी लेकिन उन्होंने तो लक्ष्य इन हालात में भी कुछ और ही तय कर रखे थे. हौसले बुलंद थे तो आर्थिक बाधाओं की भी हिम्मत नहीं पड़ी कि राह रोक सकें. महंगी पढ़ाई की सामग्री खरीदने या कोचिंग कक्षाओं में दाखिला लेने की सामर्थ्य न होने के कारण, श्रीनाथ के सपनों को मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर मिलने वाले मुफ्त वाईफाई के रूप में एक अनपेक्षित मित्र मिला. उन्होंने मुंबई में अपनी कुली की ड्यूटी के दौरान उपलब्ध डिजिटल संसाधनों का बेहतरीन उपयोग करते हुए, अपने स्मार्टफोन पर ऑनलाइन पढ़ाई करने की जो लगन बनाए रखी उसी का नतीजा है कि आज वे आईएएस हो चुके हैं और अब उन्हें वह सब हासिल है जिसका कभी वे सपना देखते थे. श्रीनाथ संघर्ष और सफलता की वह जीती जागती कहानी हैं जिसमें एक साधारण कुली सारी मुश्किलों पर विजय पाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के एक अधिकारी तक बन गया.