ADM के हिंदी में जवाब से नाराज हुआ हिमाचल हाइकोर्ट
इतने नाराज हुए जज कि मुख्य सचिव को एडीएम के अंग्रेजी न आने पर पूछ लिया कि प्रशासनिक पद पर क्यों बैठाया
उत्तराखंड हाईकोर्ट से जुड़ा यह पूरा मामला असल में पंचायत मतदाता सूची में कुछ वोटरों के नाम शामिल किए जाने से जुड़ा है. उच्च न्यायालय की चीफ जस्टिस जी. नरेंद्र और जस्टिस आलोक माहरा की बेंच मतदाता सूची में नामों की एंट्री के लिए फैमिली रजिस्टर की वैधता को लेकर सुनवाई कर रही थी. इसी पर जब कोर्ट ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) विवेक राय, जो कि नैनीताल में निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी के तौर पर तैनात हैं, से सवाल किया तो उन्होंने हिंदी में जवाब दिया.
उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक फैसले ने भाषा का सवाल फिर गरमा दिया जिसमें एक एडीएम के अंग्रेज न बोल पाने पर हाइकोर्ट ने राज्य के चुनाव आयुक्त और मुख्य सचिव को इस बात की जांच करने के आदेश दे दिए कि एक एडीएम हिंदी में क्यों बोल रहाहै औ यदि उसे अंग्रेजी नहीं आती तो उस ऐसे प्रशासनिक पद पर कैसे बैठाया जा सकता है. हालांकि राज्य सरकार इस पर सुप्रीम कोर्ट चली ई तो वहां से हाइकोर्ट के आदेश को होल्ड जरुर कर दिया गया लेकिन तब तक यह हस तो जन्म ले ही चुकी थी कि क्या हाइकोर्ट के सामने पेश हुए अफसर को अंग्रेजी आना जरुरी हैऔर यदि उसे ती भी हो तो क्या उसे अंग्रेजी में ही बोलना जरुरी है.