Gujrat Samachar के श्रेयांस और बाहुबली ईडी की गिरफ्त में
कई बार देश विरोधी और सेना पर बकवास कमेंट्स करने वाला अखबार अब आर्थिक अनियमितता में फंसा
भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर मीडिया हाउसेस किस तरह फायदा उठा रहे हैं यह पिछले दिनों में और ज्यादा साफ हुआ है जब द प्रिंट से लेकर द हिंदू तक ने सरकार की गाइडलाइंस तो छोड़िए पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों को भी ध्यान न रखते हुए मनचाहे तरीके से खबरें चलाईं. इस कड़ी में आज एक और मामला जुड़ गया जब ईडी ने गुजरात समाचार के श्रेयांस शाह और बाहुबली शाह को आर्थिक धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर लिया.
दरअसल लंबे समय से यह बात खुद पाठक भी महसूस कर रहे हैं कि इस अखबार का मूल स्वर न सिर्फ सरकार बल्कि सेना और देश के खिलाफ भी नजर आता है चाहे वह नक्सलियों वाले मामले की रिपोर्टंग हो या बार बार भारत के नक्शे को गलत तरीके से छापने की बात हो, पुलवामा के समय भी इस अखबार की भाषा सैनिकों के प्रति अच्छी नहीं थी और कुछ मामलों में तो अखबार ठीक वही भाषा बोलता पाया गया है जो भाषा चीन अक्सर भारत के विरोध में बोलता है. ईडी की ताजा कार्रवाई को लेकर कांग्रेस कह रही है कि प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा की जानी चाहिए लेकिन यह कोई नहीं बता रहा कि जिस तरह की आर्थिक गड़बड़ी ईडी बता रहा है वैसा मामला सामने आए तो क्या प्रेस स्वतंत्रता के नाम पर ऐसी गड़बउ़यों से आंखें मूंद लेना चाहिए?