Election Results महाराष्ट्र, झारखंड में फिर वही सरकारें
उपचुनावों में भी ज्यादा उलटफेर नहीं
महाराष्ट्र और झारखंड की विधानसभा के नतीजे आने के साथ ही यह साफ हो गया है कि दोनों जगहों पर मौजूदा सरकारें ही कायम रहेंगी. महाराष्ट्र में भाजपा, शिंदे सेना और अजीत पवार ने मिलकर पॉवर को कायम रखा है जबकि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा को कांग्रेस का साथ सत्ता में बनाए रखेगा.
महाराष्ट्र में एनडीए ने जो स्ट्राइक रेट दिखाया है उसने साफ कर दिया है कि न यहां की जनता राहुल पर भरोसा कर सकी और न उसे उद्धव का बाला साहेब की परंपरा से हटना पसंद आया है. हालत ये हैं कि महाविकास अघाड़ी को एनडीए के मुकाबले एक चौथाई सीट ही मिली हैं. इन नतीजों से सबसे ज्यादा मुश्किल जिन दो नामों की हुई है वे उद्धव और शरद पवार ही हैं क्योंकि जनता ने दोनों के ही मामले में उनके विकल्पों यानी एकनाथ शिंदे और अजीत पवार को ज्यादा पसंद किया है. वायनाड में जिस मुस्लिम बहुल इलाके के भरोसे प्रियंका को लोकसभा में पहुंचाने के लिए चुन गया था उसने कांग्रेस का भरोसा कायम रखा और वायनाड लोकसभा सीट राहुल बाबा से हटकर अब प्रियंका दीदी के पास आ गई है. यूपी के जिन विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव हुए थे उनमें भाजपा ने अधिकांश वापस जीत ली हैं जबकि भाजपा से आधी पर समाजवादी पाटी ने भी जीत दर्ज कराई है. यदि महाराष्ट्र में पार्टियों के प्रदर्शन को स्ट्राइक रेट से जोड़कर देखा जाए तो भाजपा ने जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा उसके हिसाब से जीत की दर 85 प्रतिशत से भी ज्यादा रही है, उसके सहयोगियों यानी एकनाथ शिंदे सेना और अजीत पवार का भी स्ट्राइक रेट 70 और साठ से ज्यादा रहा है जबकि कांग्रेस के लिए यह दर पच्चीस, उद्धव के लिए बीस प्रतिशत से कम और शरद पवार के लिए तो 18 प्रतिशत के आसपास ही रही है. झारखंड में हेमंत सोरेन ने लोगों तक अपनी बात पहुंचाई और उनकी जीत से उनकी पार्टी को तो फायदा मिला ही साथ ही हर जगह हार झेल रही कांग्रेस के लिए भी इससे थोड़ी राहत मिली.