April 30, 2025
देश दुनिया

Election Process में अकेले प्रत्याशी वाले मामले पर विचार

इस बात की संभावना कि अकेले बचने वाले प्रत्याशी को भी न्यूनतम वोट लाने पड़ें

सुप्रीम कोर्ट ने अब इस बात पर विचार कर रही है कि क्या चुनाव में अगर किसी सीट पर क ही उम्मीदवार बचा हो, तो भी उसे तभी निर्वाचित माना जाए जबकि वह एक तय प्रतिशत में वोट जलुटा सके. एक जनहित याचिका को लेकर सुनवाई करते हुए एससी ने केंद्र और चुनाव आयोग से पूछा है कि अकेले उम्मीदवार बचने की दशा में भी उसे निश्चित वोट प्रतिशत हासिल करने को कहा जाए तो क्या इसे प्रगतिशील कदम नहीं माना जाएगा. एससी के सामने याचिकाकर्ता ‘विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी’ ने तर्क दिया है कि लोकतंत्र की नींव ही बहुमत है, तो अकेले उम्मीदवार वाले मामले में भी इसका प्रयोग किया जाना चाहिए.
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 53(2) को में संशोधन की मांग के साथ यह याचिका डाली गई है जिस धारा में कहा गया है कि निर्वाचन में सिर्फ एक उम्मीदवार बचे तो चुनाव आयोग उसे बिना मतदान निर्वाचित घोषित किया जा सकता है. याचिका में कहा गया है कि ऐसा प्रावधान रखा जाए कि यदि अंत में सिर्फ एक उम्मीदकर बचे तो उसे एक तयशुदा प्रतिशत तक वोट हासिल करने के बाद ही निर्वाचित घोषित किया जाए.