August 16, 2025
देश दुनिया

ED ने वाड्रा के लिए मांगी सात साल की कठोर सजा

प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि हरियाणा में जमीन घोटाले वाड्रा के पास पचास करोड़ से ज्यादा पहुंचे

इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिकायत दायर करने के साथ उनके लिए जमीन घोटाले को लेकर सात साल की सजा की मांग की है. 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर में विवादित भूमि सौदे पर ईडी ने जांच के बाद वाड्रा और अन्य आरोपियों के लिए सात साल के कठोर कारावास की मांग की है. जिन धाराओं में मामला है उनमें यह सजा अधिकतम है जबकि इनमें न्यूनतम तीन साल की जेल का प्रावधान है. ईडी 43 अचल संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति मांग रही है जो घोटाले की आय से अर्जित बताई गई हैं.
क्या है मामला
वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने फरवरी 2008 में शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ में खरीदी थी. चार साल बाद इसे डीएलएफ को 58 करोड़ में बेचा गया. आरोप हैं कि हरियाणा की कांग्रेस सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इस सौदे के लिए नियमों के साथ् खिलवाड़ किया और गलत तरीके से वाड्रा को कमाई करने में मदद की थी. ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि जमीन बिक्री के झूठे विवरण पेश किए गए. जबकि वास्तव में कोई भुगतान नहीं हुआ. जो चेक सौदे में देना बताया गया उसमें भी गड़बड़ मिली है. इस सौदे में जहां वाड्रा की तरफ से काम करने वालों को करोड़ों का फायदा हुआ वहीं हरियाणा सरकार को लाखों की स्टांप ड्यूटी का नुकसान हुआ. ऐसा करना 423 के तहत दंडनीय अपराध है. ईडी ने स्काईलाइट और ब्लू ब्रीज जैसी कंपनियों की जांच में पाया कि जिन कंपनियों का बैंक बैलेंस सौदे के समय केवल एक लाख का था वो करोड़ों के सौदे अंजाम दे रही थीं. दिल्ली की स्पेशल कोर्ट ने ईडी की शिकायत पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 28 अगस्त तय की है. वहीं रॉबर्ट वाड्रा पूरी कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बता रहे हैं.