October 4, 2025
देश दुनिया

Drishti IAS पर सीसीपीए ने लगाया जुर्माना, छात्रों को किया गुमराह

पिछले साल भी यूपीएससी में अपने कोचिंग से चयनित छात्रों की संख्या कई गुना बढ़ाकर बताई थी, तब भी लगा था जुर्माना

संघ लोक सेवा आयोग यानी सूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान दृष्टि आईएएस के मुखिया विकास दिव्यकीर्ति यूं तो आदर्शों की खूब बात करते हैं लेकिन हकीकत यह है कि वे खुद गलत आंकड़े देकर छात्रों को अपनी कोचिंग के जाल में फंसाते हैं. दृष्टि आईएएस पर एक बार पहले भी इस बात के लिए जुर्माना लगा था कि उन्होंने अपने कोचिंग से सफल होने वाले बच्चों के झूठे आंकड़े दिए थे और इसके बाद भी विकास दिव्यकीर्ति ने फिर वही किया. इस बार उनकी कोचिंग पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने पांच लाख का जुर्माना लगाया है. सीईसी 2022 के रिजल्ट पर भ्रामक विज्ञापन देने के लिए यह जुर्माना लगा है.

दरअसल दृष्टि ने विज्ञापन में सफल उम्मीदवारों के नाम और चित्रों के साथ यूपीएससी सीएसई 2022 में 216 से अधिक छात्रों के उत्तीर्ण होने बात कही जबकि यह दावा भ्रामक था और इसमें कई बातें छिपा दी गई थीं. हकीकत यह सामने आई कि जो आंकड़ा दृष्टि ने दिया उसके मह 25 प्रतिशत ही वास्तव में इस कोचिंग से पढ़े थे और बाकी ने सिर्फ मुफ्त इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम में एनरोल कराया था और ये वो थे जो पहले ही स्वतंत्र रूप से प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास कर चुके थे. छात्रों और अभिभावकों को इस तरह बताया गया कि दृष्टि में पढ़ने वाले 216 छात्र चयनित हुए जबकि हकीकत में यह संख्या 50 के आसपास थी. इस विज्ञापन को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 2(28) के तहत एक भ्रामक विज्ञापन मानते हुए पांच लाख रुपए का जुर्माना भरने को दृष्टि से कहा गया है. इसी परीक्षा के 2021 के चयन को लेकर भी झूठे दावे के चलते पिछले साल संस्थान पर तीन लाख का जुर्माना लगा था. तब संस्था ने चयनित छात्र 161 बताए थे जबकि हकीकत में सिर्फ 7 छात्र मेन्स मेंटरशिप प्रोग्राम से जुडे़ थे, चार जीएस फांडेशन में और एक ऑप्शनल कोर्स का था.