October 20, 2025
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Dhanteras धन्वंतरी पूजन के साथ शुरु हुआ दीप पर्व

क्या हैं शुभ मुहूर्त और क्या हो पूजन विधि

धनतेरस के साथ दीपावली की शुरुआत हो चुकी है, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को होती है. धार्मिक आस्था के साथ समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य की कामना के लिए धनतेरस विशेष पर्व है. धनतेरस 18 अक्टूबर को है. इस दिन विशेष पूजा-विधि के साथ माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और आयुर्वेदाचार्य भगवान धन्वंतरि का यह पर्व भारतीय संस्कृति में शुभता और सकारात्मकता का संदेश देता है. धनतेरस पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त तीन प्रमुख मुहूर्त हैं—प्रथम मुहूर्त सुबह 8:50 से 10:33, दूसरा 11:43 से दोपहर 12:28 और तीसरा शाम 7:16 से रात 8:20 तक. इसके अतिरिक्त चौघड़िया के अनुसार दिन और रात्रि के विभिन्न समयों में शुभ, लाभ और अमृत योग बन रहे हैं, जो पूजा और खरीदारी के लिए अनुकूल हैं. दिन के शुभ समय प्रातः 7:49 से 9:15, दोपहर 1:36 से 3:02 और 3:02 से 4:28 तक हैं. वहीं रात्रि में लाभ और अमृत योग 5:54 से 7:28, 9:02 से 10:36 और 10:36 से 19 अक्टूबर की रात 12:10 तक हैं.
इस दिन पूजा में की तैयारी में लक्ष्मी प्रतिमा या चित्र का चयन करें जिसमें वे कमल पर विराजमान हों, धनवर्षा कर रही हों और दोनों ओर हाथी हों. कुबेर की मूर्ति के साथ नकदी और आभूषण रखकर पूजन करें जिससे धन की स्थायित्व और वृद्धि होती है. धन्वंतरि पूजन के लिए पंचामृत, तुलसी पत्ते, दीपक, धूप और आयुर्वेदिक औषधियों का प्रयोग करें.
धनतेरस पर कुछ विशेष उपाय भी किए जाते हैं जो समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करते हैं. इस दिन 11 गोमती चक्रों पर चंदन लगाकर लक्ष्मी माता के चरणों में अर्पित करें और पूजा के बाद इन्हें तिजोरी में रखें. यह उपाय धन की कमी को दूर करता है. नई झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह घर से नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सकारात्मकता लाती है. चांदी या किसी अन्य धातु के बर्तन खरीदना मानसिक शांति और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक होता है. इसके अलावा, 21 चावल के दानों को हल्दी या केसर से रंगकर लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धनवृद्धि और स्थायी समृद्धि का योग बनता है.
इस वर्ष धनतेरस पर एक दुर्लभ योग बन रहा है, जो तीन राशियों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है. ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार इन राशियों की किस्मत में सकारात्मक बदलाव आने की संभावना है. यह योग न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख के लिए भी अनुकूल रहेगा.
धनतेरस की पूजा में दीपक जलाना, घर की सफाई करना और नए वस्त्र धारण करना भी शुभ माना जाता है. इस दिन घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाना और दीपों की कतार सजाना लक्ष्मी माता के स्वागत का प्रतीक होता है. पूजा के समय शंखनाद, घंटी और मंत्रों का उच्चारण वातावरण को पवित्र और ऊर्जा से भरपूर बनाता है. पूजा की विधिपूर्वक तैयारी और शुभ मुहूर्त में आराधना से यह पर्व विशेष बन जाता है.