June 21, 2025
देश दुनिया

Kejriwal का इस्तीफा, आतिशी ने पेश किया दावा

आप मुखिया को राय, सौरभ, गहलोत से ज्यादा भरोसा आतिशी पर
शराब घोटाले में जमानत पर अरविंद केजरीवाल तो बाहर आ गए थे लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री ‘कैद’ में ही रह गए थे, आखिर केजरीवाल को भी समझ आया कि कैद मुख्यमंत्री से अच्छा होगा कि वो एक डमी सीएम बना ही दें ताकि कुछ संदेश दिए जा सकें. दिक्कत यह होती कि किसे सबसे विश्वस्त मानें, उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया उसी वजह से रेस से बाहर थे जिस वजह से केजरी इतने समय जेल में थे, यानी शराब घोटाला. केजरीवाल ने झारखंड में चंपई सोरेन वाले मामले से सबक लेते हुए यह तय किया कि राय, सौरभ या गहलोत को भी कुर्सी देना सेफ नहीं होगा. यही वजह है कि खुद उन्होंने आतिशी के लिए फील्डिंग की और जो इस चयन से नाराज हो सकते थे उन्हें भी समझाने का काम खुद आप चीफ ने किया. आतिश्सी के चयन से यह समझाना भ्भी आसान रहा कि महिला केंडिडेट चुनने से महिलाओं के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा.

जिस तरह गोपाल राय ने सामने आकर पार्टी की तरफ से चुनाव तक के लिए कार्यवाहक मुख्यमंत्री चुने जाने की बात कही उससे आतिशी को साफ बता दिया गया है कि वे एक पल को भी खुद को मुख्यमंत्री न समझ लें बल्कि वे कार्यवाहक ही समझती रहें तो बेहतर होगा और आतिशी केजरीवाल के जेल में रहने पर कायर्यवाहक की भूमिका निभाते हुए एक बार भी केजरीवाल की गद्दी लेने की ताक में नजर नहीं आईं, इस बात का ही फायदा उन्हें आज मिला. केजरीवाल ने एलजी को इस्तीफा सौंप दिया है, आतिशी की तरफ से सीएम होने का दावा पेश कर दिया गया है और आम आदमी पार्टी ने नवंबर में ही चुनाव करवा देने की मांग भी रख दी है. ऐसे में केजरीवाल के लिए पहली चिंता शीशमहल की होगी क्योंकि पार्टी को तो वो संभाल ही लेंगे लेकिन शपथपत्र के मुताबिक आतिशी के पास भी करोड़ों में संपत्ति होने के बाद भी एक घर नहीं है और शीशमहल सीएम के लिए ही सजाया गया है, लिहाजा केजरीवाल पर इसे आतिशी को सौंपने का नैतिक दायित्व तो होगा लेकिन यह भी हकीकत है कि वो नैतिकता में कम और अपनी मर्जी चलाने में ज्यादा भरोसा रखते हैं.