Cyber Fraud से बचाने के लिए गृह मंत्रालय का प्रयास
अकाउंट फ्रीज कराने से लेकर मोबाइल ब्लॉक कराने की रणनीति
बढ़ते साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट के मामलों पर गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक हाई लेवल कमेटी गठित कर दी है. गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव इस कमेटी को मॉनिटर करेंगे. पिछले रविवार को ही पीएम मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देशवासियों के साथ बढ़ रहे ‘डिजिटल अरेस्ट’ मामले पर चिंता जाहिर करते हुए लोगों को सजग रहने की सलाह दी थी. इसके बाद से ही गृह मंत्रालय इस पर एक्शन मोड में है और अब मंत्रालय ने डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के मामलों को रोकने के लिए यह हाई लेवल कमेटी बनाई है. अब डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर लगाम लगाने लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा और ऐसी घटनाओं पर तत्काल एक्शन भी सुनिश्चित किया जाएगा.
सभी राज्यों की पुलिस से भी मंत्रालय संपर्क में है. इस साल डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी 6,000 से अधिक शिकायतें अब तक सामने आ चुकी हैं. साइबर विंग ऐसे 6 लाख मोबाइल को ब्लॉक कर चुकी है जो फोन साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट में शामिल थे. 709 मोबाइल एप्लिकेशन भी ब्लॉक की गई हैं. मंत्रालय का कहना है कि उसने अब तक साइबर फ्रॉड में शामिल 1 लाख 10 हजार आईएमईआई को भी ब्लॉक करा दिया है और साइबर फ्रॉड से जुड़े कई बैंक अकाउंट भी फ्रीज किए गए हैं. प्रधानमंत्री ने डिजिटल अरेस्ट का फरेब करने वालों के बारे में कहा कि उनका पहला दांव होता है कि ये आपकी सारी व्यक्तिगत जानकारी जुटा कर रखते हैं. उनका दूसरा दांव भय का माहौल पैदा करने का होता है. यह फोन कॉल पर इतना डरा देंगे कि आप कुछ सोच ही नहीं पाएंगे. इसके बाद फ्रॉड करने वाले समय का अभाव दिखाते हैं. ये इतना मनोवैज्ञानिक दबाव बनाते हैं कि इंसान डर जाता है और डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो जाता है.