CJI ने पहले ही दिन सुना सुप्रीम कोर्ट तो अमीरों के लिए
अडानी-अंबानी की सुनवाई होती है हमारी नहीं
भारत के चीफ जस्टिस बतौर अपना पहला ही केस सुनते हुए सीजेआई संजीव खन्ना को यह सुनना पड़ गया कि सुप्रीम कोर्ट सिर्फ अमीरों के लिए है और गरीबों के लिए इसके रास्ते बंद हैं. दरअसल एक एमएसएमई का मामला लेकर पहुंचे वकील की जब सुनवाई में रोड़ा आया तो उन्होंने सीधे ही सीजेआई से यह बात कह दी कि यहां अडानी और अंबानी के केस प्राथमिकता से सुन लिए जाते हैं लेकिन जिनके पास इतना पैसा नहीं है उनकी सुनवाई नहीं होती. सीजेआई खन्ना इस बात पर भड़क गए और वकील से कहा कि आप अपनी बात रखें लेकिन हम यहां आपका भाषण सुनने के लिए नहीं बैठे हैं. इससे पहले सीजेआई रहे वायवी चंद्रचूड़ से इस पद की जिम्मेदारी लेने की शपथ राष्ट्रपति ने उन्हें दिलाई, इस मौके पर प्रधानमंत्री सहित अन्य गणमान्य लोग मौके पर उपस्थित रहे.
यह भी जानिए जस्टिस खन्ना के बारे में
जस्टिस खन्ना उसी परिवार से ताल्लुक रखते हैं जो वकालत की लंबी परंपरा से चली आ रही है. संजीव खन्ना के चाचा न्यायमूर्ति हंसराज खन्ना को इंदिरा गांधी ने इसलिए मुख्य न्यायाधीशनहीं बनने दिया था क्योंकि आपातकाल के मामले में उन्होंने नागरिक स्वतंत्रता को बरकरार रखने का निर्णय देते हुए तत्कालीन सरकार से असहमति जता दी थी. मौलिक अधिकारों के हनन को लेकर की गई टिप्पिणियों से नाराज इंदिरा ने उन्हें सीजेआई नहीं बनने दिया था और इस बात से दुखी होकर हंसराज खन्ना ने इस्तीफा दे दिया था.