Chief Justice बिगड़ते हालात के जिम्मेदार-सांसद निशिकांत दुबे
कानून वाला काम भी उन्हें करना है तो संसद बंद ही कर दो- सुप्रीम कोर्ट को लेकर बोले सांसद
वक्फ बिल पर तेजतर्रार तरीके से अपनी बात सदन में रखने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को सुप्रीमकोर्ट का एक्टिविज्म खटक गया तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि कानून भी एससी को ही बनाना है तो संसद को बंद ही कर दिया जाना चाहिए, इसके साथ ही दुबे ने गृहयुद्ध जैसे हालात के लिए चीफ जस्टिस को जिम्मेदार भी बता दिया. दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर जो टिप्पणियां की हैं उनसे उनकी पार्टी भाजपा ने खुद को दूर कर लिया है और यह स्टैंड ले लिया गया है कि यह निशिकांत दुबे की निजी सोच है. वैसे इस मामले में दुबे अकेले नहीं हैं क्योंकि लगभग इसी तरह के पिचार दिनेश शर्मा ने भी प्रकट किए थे. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन बयानों और विचारों से दूरी बनाते हुए कहा है कि पार्टी का ऐसे बयानों से कोई लेना-देना नहीं है. जब दुबे के बयान पर बवाल मचने लगा तो नड्डा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के न्यायपालिका व चीफ जस्टिस पर दिए बयानों से भारतीय जनता पार्टी का लेना–देना नहीं है. यह इनका व्यक्तिगत बयान है.
भाजपा ऐसे बयानों से ना कोई इत्तेफाक रखती है और ऐसे बयानों का समर्थन करती है. भाजपा इन बयानों को खारिज करती है. वैसे दुबे और शर्मा के बयानों से दूरी बनाने वाले नड्डा ने अपनी पोस्ट में यह साफ नहीं किया कि वो उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयानों से सहमति रखती है या उनके बयानों को भी गैरजरुरी और खारिज करने लायक मानती है क्योंकि पिछले ही दिनों धनखड़ ने भी न्यायपालिका को ज्वलंत मुद्दों पर घेरते हुए जज यशवतं वर्मा के घर में जले हुए नोटों के बोरों वाली घटना का जिक्र भी किया था. यहां तक कि उनका भी संकेत ठीक यही था जिस बात को दुबे ने थोड़ा ज्यादा विश्लेषित तरीके से सामने रख दिया है. जो भी हो, निशिकांत दुबे के इस बयान से राजनीतिक हलचल तो मच ही गई है साथ ही न्यायपालिका को लेकर भी बातें बनने ही लगी हैं. जिस तरह से विपक्ष इस मामले में भाजपा पर हमलावर है उससे लगता नहीं कि बात जल्द ठंडे बस्ते में जाने वाली है.