June 2, 2025
देश दुनिया

CDS ने ब्लूमबर्ग को दिया इंटरव्यू, ‘टेक्टिकल मिस्टेक’ का भी जिक्र

भारत के फाइटर जेट गिराए जाने वाले सवाल पर अनिल चौहान का जवाब हुआ वायरल

एक अजीब से घटनाक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने सिंगापुर में चल रहे शंग्री ला डॉयलाग्स के बीच विदेशी मीडिया को एक इंटरव्यू दिया है जो अब कई सवाल खड़े कर रहा है. इंडियन आर्म्ड फोर्सेस के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने ब्लूमबर्ग को दिए इस इंटरव्यू में एक प्रश्न के जवाब में कहा है कि यह मायने नहीं रखता कि भारत का जेट गिराया गया या नहीं बल्कि यह मायने रखता है कि ऐसा क्यों हुआ. हमने रणनीति बदलकर दो दिन बाद ही पूरी ताकत से सटीक निशाने पर सही तरीके से सभी जेट उड़ाए और टारगेट पूरे किए. यह तो इंटरव्यू का वह हिस्सा है जिस पर भी सवाल उठे हैं लेकिन एक वाक्य में वे ‘टेक्टिकल मिस्टेक’ की भी बात करते दिख रहे हैं जिसके बारे में वे कह रहे हें कि हमने इसे बाद में सुधार लिया.

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि एक तरफ प्रधानमंत्री से लेकर रक्षामंत्री तक कह रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर अभी पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में सीडीएस का एक विदेशी न्यूज चैनल को इस तरह से ब्रीफ करना कहां तक सही है जबकि अभी ऑपरेशन पूरा हुआ ही नहीं है. दूसरा सवाल यह भी है कि जेट गिरने जैसी संवेदनशील बात को इस तरह से सामने रखना भी क्या टेक्टिकल मिस्टेक नहीं है और तीसरी बात कि क्या यह इंटरव्यू भारत के किसी संस्थान को नहीं दिया जा सकता था. चौथी बड़ी बात इसमें यह भी सामने आई है कि कारगिल के बाद यह तय किया गया था कि महू के कॉलेज ऑफ कॉम्बैट में मीडिया कम्युनिकेशन वाले कोर्सेस को ज्यादा मजबूत बनाया जाएगा लेकिन जिस तरह से अनिल चौहान इस इंटरव्यू में बात करते नजर आ रहे हैं उससे तो लग रहा है कि सबसे ऊपरी सतह पर भी कम्युनिकेशन सिखाए जाने की बहुत जरुरत है. सवाल तो यह भी उठ रहा है कि इस सवाल का जवाब तो एयर मार्शल एके भारती की तरफ से आना चाहिए था तो ऐसे सवालों के जवाब चौहान साहब क्यों दे रहे थे. यूं भी ब्लूमबर्ग, सीएनएन, रॉयटर और बीबीसी जैसे संस्थानों के साथ बात करते हुए तो विशेष सावधानी की जरुरत होती है ऐसे में सिंगापुर की जमीन पर दिए गए इस इंटरव्यू में जवाब कुछ इस तरह दिए गए हैं कि उन्हें पाकिस्तान भी अपने तरह से तोड़ मरोड़कर पेश कर सकता है क्योंकि बात सीधे और सटीक तरीके से नहीं की गई बल्कि काफी ‘इफ और बट’ इसमें शामिल किए गए. सीडीएस का यह इंटरव्यू अगले कुछ दिन तक चर्चा में शर्तिया रहने वाला है और इसके कई तरह से पेश किए जाने के तरीके भी हम देखेंगे जबकि बात इतने सलीके से कही जानी थी कि उसमें तोड़ मरोड़ की गुंजाइश ही नहीं रहे.