July 5, 2025
देश दुनिया

Calcium Carbide से पके फल आपके शरीर के लिए नुकसानदायक

जल्दी फल पकाने के लिए कृत्रिम रुप से इन्हें पकाया जाना स्वास्थ्य पर पड़ सकता है भारी

फल हमारे लिए जितने जरुरी होते जा रहे हैं उतना ही इन्हें जल्दी पकाने की कोशिशें हो रही हैं और ये कोशिशें खतरनाक भी साबित हो रही हैं. कृत्रिम रूप से फल पकाने की कुछ विधियां तो स्वास्थ्य पर गंभीर संकट ला रही है. विशेषज्ञ कहते हैं कि फलों को जल्दी पकाने के लिए उपयोग हो रहे रसायनों का शरीर पर बहुत बुरा असर होता है और इन रसायनों में भी खासतौर पर कैल्शियम कार्बाइड तो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है, इससे पारंपरिक खेती और जैव विविधता भी खतरे में आ रही है. कैल्शियम कार्बाइड यूं तो एसिटिलिन गैस बनाने में औद्योगिक उपयोग के लिए तैयार होता है लेकिन यह फलों को पकाने में काम लिया जाने लगा है और इससे बनी गैस फलों को कृत्रिम रूप उनके पकने की प्रक्रिया को तेज कर देती है. यह अकेली विषैली गैस नहीं है बल्कि इस रसायन से आर्सेनिक और फॉस्फीन भी पैदा होती हैं, जो हमारे मस्तिष्क, यकृत, हृदय और गुर्दों पर दुष्प्रभाव डालती हैं.
आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े फल उत्पादक राज्यों से देशभर में पहुंचने वाले फलों में से तीस प्रतिशत से ज्यादा आधे कच्चे ही बाजारों तक पहुंचाए जाते हैं, जिन्हें बाद में खतरनाक रसायनों से पकाया जाता है. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण 2006 के अधिनियम तहत जो रसायन खाद्य पदार्थों के मामले में बैन कर दिए गए हैं उनका भी धड़ल्ले से उपयोग किया जाता है. 2023 की इसी विभाग की रिपोर्ट बताती है कि महानगरों में तो 42 प्रतिशत तक मामलों में प्रतिबंधित रसायन का उपयोग हो रहा है और इतनी बड़ी तादाद को जांचना देशभर में मौजूद मात्र 300 निरीक्षकों के बस का है ही नहीं. मेडिकल रिसर्च कहते हैं कि कैल्शियम कार्बाइड इंसानी शरीर पर दीर्घकालिक प्रभाव डालता है. एम्स ने भी पाया है कि इसका तंत्रिका तंत्र पर बहुत बुरा प्रभाव होता है जिससे सिरदर्द, चक्कर, डिमेंशिया और नींद न आने जैसी समस्याएं तो होती ही हैं. इससे हार्टबीट और बीपी की समस्या भी बढ़ सकती है, यहां तक कि लीवर डैमेज होने का भी यह एक कारक हो सकता है.अब जरुरी हो गया है कि इसे लेकर जागरूकता बढ़ाई जाए और कानून न मानने वालों के लिए सख्त से सख्त सजा का प्रावधान हो.