June 21, 2025
देश दुनिया

Brahmaputra का बहाव रोकने की धमकी पर सरमा का पाक को जवाब

चीन से भारत आते समय सिर्फ 30 प्रतिशत होता है बहाव, बाकी तो भारत में ही जुड़ता है

पाकिस्तान एक तरफ तो इस बात के लिए दुनिया के सामने रो रहा है कि भारत ने सिंधु और सतलज से पाकिस्तान आने वाला पानी रोक दिया है वहीं दूसरी तरफ वह चीन को बार बार इस बात के लिए मनाने का प्रयास भी कर रहा है कि यदि चीन ब्रम्हपुत्र का पानी रोक दे तो शायद भारत इन जलसंधियों को बहाल करने पर मजबूर हो जाए. पाकिस्तान भारत को यह धमकी भी दे चुका है कि वह चीन से ब्रम्हपुत्र का पाानी बंद करा देगा तो भारत के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी. इस बात का करारा जवाब असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दिया है, उन्होंने आंकड़ों के साथ अपनी बात रखते हुए कहा है कि यदि चीन पानी रोकने की कोशिश भी करे तो भारत को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, जबकि अभी तो चीन इस बारे में सोच भी नहीं रहा है लेकिन फिर भी पाकिस्तान को पता होना चाहिए कि ब्रह्मपुत्र ऐसी नदी है जो भारत में घटती नहीं है बल्कि बढ़ती है. सरमा का कहना है कि चीन से भारत आने वाला ब्रम्हपुत्र का पानी कुल जल प्रवाह का सिर्फ 30 प्रतिशत है. ब्रम्हपुत्र का सत्तर प्रतिशत तक पानी भारत के भीतर ही मिलता है, क्योंकि
अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड और मेघालय में मूसलाधार मानसूनी वर्षा होतमी है. इसके अलावा ब्रम्हपुत्र का प्रमुख सहायक नदियाँ सुबनसिरी, लोहित, कामेंग, मानस, धनसिरी, जिया-भाराली, कोपिली भी भारत में ही उसकी मदद करती हैं. मेघालय की खासी, गारो और जयंतिया पहाड़ियों से जल कृष्णाई, दिगारू, कुलसी आदि सहायक नदियाँ भी पानी में काफी सहयोगी हैं. सरमा ने बताया है कि
भारत-चीन सीमा (तूतिंग) पर ब्रम्हपुत्र का प्रवाह 2,000 से 3,000 घन मीटर/सेकंड रहता है जबकि वाहाटी जैसे असमी मैदानों में यही प्रवाह मानसून के दौरान 15,000–20,000 घन मीटर/सेकंड तक पहुंच जाता है यानी ब्रह्मपुत्र भारत में चीन से प्रवेश करते समय जितना बहाव नहीं लाती उससे ज्यादा भारत में इसमें शामिल होता है. अभी तो चीन ने न किसी मंच पर पानी रोकने की बात कही है और न ऐसा कोई संकेत है लेकिन चीन और पाकिस्तान की दोस्ती के चलते यदि ऐसा होता भी है शायद इससे भारत को मदद ही मिले क्योंकि हर साल असम में बाढ़ तबाही लाती है. यूं भी ब्रह्मपुत्र एक ही स्रोत पर आधारित नहीं है और यह हमारे भूगोल, हमारे मानसून और हमारी सभ्यतागत शक्ति से पोषित है.