Ayodhya श्रीराम का सूर्य तिलक सिर्फ रामनवमी को होगा रोज नहीं-ट्रस्ट
कुछ खबरों में कहा गया था कि रामनवमी से रोज होगा रामलला का सूर्यतिलक
अयोध्या में श्री राम मंदिर पर इस साल रामनवमी के मौके पर दस लाख लोगों के पहुंचने की संभावना जताई गई है. इस बीच एक बयान को लेकर बनी संशय की स्थिति को स्पष्ट करते हुए जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया है कि श्रीरामलला का सूर्य तिलक सिर्फ रामनवमी पर होगा. इससे पहले समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के एक बयान से यह संदेश गया था कि रामनवमी के दिन से हर रोज कुछ समय के लिए रामलला का सूर्य तिलक होगा जिसमें सूर्य की किरणें रामललगा के मस्तक पर पड़ेंगी. संशय की स्थिति बनने के बाद ट्रस्ट की बैठक से निकलकर मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें. सूर्य तिलक नक्षत्रों के अनुरूप होता है, यह रोज नहीं हो सकता. इस बार 6 अप्रैल को रामनवमी की दोपहर 12 बजे सूर्य तिलक होगा और इसके बाद भी हर रामनवमी पर ही श्रीराम की मूर्ति के मस्तक पर सूर्यतिलक चमकेगा न कि रोज, जैसा कि कुछ खबरों में बताया गया है. अगले बीस साल तक के लिए तो यह तय है कि ऐन रामनवमी के दिन ठीक दोपहर बारह बजे श्रीराम का सूर्यतिलक स्वाभाविक रूप से होगा.
सूर्य तिलक के लिए आईआईटी रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने जो ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम तैयार किया है उसमें मंदिर के सबसे ऊपरी तल पर लगे कांच से सूर्य की किरणें 90 डिग्री पर परावर्तित होकर पीतल के पाइप में जाएंगी. पाइप के छोर पर लगा दूसरा दर्पण इन्हें फिर परावर्तित होंगी कर लंबवत नीचे पहुंचाएगा. तीन लेंस से तीव्र होती हुई ये किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी और रामलला का सूर्य तिलक करेंगी. तिलक 75 मिमी में गोलाकार होगा. यह तिलक करीब चार मिनट तक रामलला के मुख मंडल को प्रकाशमान रखेंगी.