October 4, 2025
देश दुनिया

Asia Cup ये क्रिकेट था या कुछ और था

पाकिस्तानी गृहमंत्री भारत की जीती हुई ट्रॉफी ले भागा, पाकिस्तान में मातमी माहौल और मोदी का ट्वीट

एशिया कप 2025 का फाइनल आखिर भारत की जीत के साथ पूरा हुआ. भारतीय टीम ने एसीसी के प्रेसिडेंट और पाकिस्तानी गृहमंत्री मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया और उसक बाद ऐसे ड्रामे हुए वो शायद ही कभी इंटरनेशन क्रिकेट की दुनिया ने देखे हों. सवाल यह है कि यह सब था क्या? पानी और खून साथ नहीं चल सकते थे लेकिन क्रिकेट और खून को साथ चलाने में कहीं कोई दिक्कत नहीं आई. फर कभी खबर आती कि भारतीय टीम ने किसी से हाथ मिलाने से मना कर दिया तो कभी यह कि खिलाड़ी अपनी फीस भी घर ले जाने के बजाए डोनेट करना ज्यादा बेहतर मान रहे हैं. यहां तक तो फिर भी सब ठीक था लेकिन इस जीत के बाद आया पीएम का ट्वीट और ज्यादा चकित करने वाला था. पाकिस्तान की तरफ से तो यह स्टैंड लंबे समय से रहा है कि भारत के खिलाफ उनका कोई मैच क्रिकेट के लिए न होकर देशगत दुश्मनी से लेकर जिहाद तक की संज्ञा के साथ ही खेला जाता रहा है लेकिन भारत ने कभी इस तरह जवाब नहीं दिया था कि मानो उसके लिए भी मैच क्रिकेट से भी बढ़कर कुछ रहा हो.

पाकिस्तानी गृह मंत्री यदि भारत विरोधी बयान न दे तो वह कितनी पल अपने पद पर रह सकता है? यानी मोहसिन क्रिकेट एसीसी वाली और पाकिस्तानी गृहमंत्री की अपनी भूमिका में ट्रॉफी चुराकर भागने में सिर्फ अपन किरदार अदा कर रहे थे लेकिन भारत ने जिस अंदाज में इस बार क्रिकेट को इसके दायरे से बाहर लाकर दूसरी चीजों से जोड़ दिया है और जिस पर खुद पीएम ने ठप्पा लगा दिया है वह आने वाले समय में काफी बड़ी चुनौती होने वाली है क्योंकि लगातार आठ जीत का मतलब यह कतई नहीं होता कि आप हमेशा के लिए अपराजेय हो गए हैं कल ही के मैच में हार और जीत का अंतर क्या था? छह गेंद में दस रन, यही ना? कल ट्रॉफी विवाद के बाद अब भारत ने कहा है कि वह नवंबर की आईसीसी बैठक में नकवी के खिलाफ विरोध दर्ज कराएगा क्योंकि हमने पहले ही बता दिया था कि भारत उस व्यक्ति से ट्रॉफी नहीं ले सकता जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाला हो. इस बार भारत ने पाकिस्तान से तीनों मैच जीत लिए लेकिन ट्रॉफ पर ले दे मच गई अगली बार शायद बात और आगे ही बढ़े क्योंकि अब पाकिस्तान तो इस स्तर पर उतर ही आया है कि हमारी हार हुई तो भी गम नहीं क्योंकि हमारे खिलाड़ी ने हिंदुओं के बीच नमाज पढ़ी.
इस बार बीसीसीआई ने पहली बार जब यह बताया कि वह बेबस है और उसे आईसीसी के दिए टूर्नामेंट खेलने ही होंगे तो भी अचरज किया जा रहा था कि आईसीसी कहने को बड़ी संस्था भले हो लेकिन उसका कद हमेशा बीसीसीआई ही तय करती आई है. भारत और पाकिस्तान का एक एक मैच आईसीसी के लिए इसी वजह से पैसे की मशीन बन जाता है क्योंकि यहां भावनाओं का ज्वार होता है, इन मैचों की व्यूअरशिप सारे रिकॉर्ड तोड़ती है और इस व्यूअरशिप के बदले जो विज्ञापन की दरें होती हैं वो भी रिकॉर्डतोड़ ही होती हैं. अब तक कई बार पाकिस्तानी खिलाड़ी इन मैचों को जिहाद विहाद बता चुके हैं लेकिन भारत हमेशा इसे शुद्ध क्रिकेट की तरह खेलता रहा है, इस बार बड़ा बदलाव यह है कि अब भारत ने भी इस मैदानी क्रिकेट को मैदान से बाहर की चीजों से भी जोड़ दिया है और यदि वह ऐसा मानता है तो आप बीसीसीआई के एशिया कप खेलने के तर्क को फिर से देखिए.