Payal Kapadia को Cannes film festival 2024 के लिए बधाई दी तो भी छिड़ी राजनीति
थरुर ने बधाई में से भी निकाल ली राजनीति
77 वें कान फिल्म फेस्टिवल में ग्रैंड प्रिक्स जीतने पर पायल कापड़िया को दी गई प्रधानमंत्री की बधाई पर भी बहस छिड़ गई है. पायल को ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ जैसे काम के लिए पुरस्कृत किया गया और इस पर मोदी ने बधाई देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि हमें पायल कापड़िया पर गर्व है, हम उम्मीद करते हैं कि एफटीआईआई की इस एलुमिनाई की प्रतिभा आगे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करती रहेगी. प्रधानमंत्री तो खुशी जता चुके थे लेकिन कांग्रेस नेता शशि थरुर इसमें भी पेंच तलाश लाए और उन्होंने इस पर प्रधानमंत्री की खिंचाई करते हुए लिखा कि यदि वाकई आपको पायल पर गर्व है तो न सिर्फ उन पर से बल्कि एफटीआईआई के उन सभी छात्रों पर से केस वापस ले लिए जाने चाहिए जो इन छात्रों ने तब किए जब आपने अपनी मर्जी थोपते हुए गजेन्द्र चौहान को संस्थान का प्रमुख बना दिया था.
2015 में बनाया था चौहान को चेयरमैन
दरअसल एफटीआईआई में गजेन्द्र चौहान की नियुक्ति होते ही उसे राजनीतिक नियुक्ति करार देते हुए कई राजनीतिक दलों ने विरोध किया और इन्हीं के उकसावे पर एफटीआईआई के छात्र छात्राओं ने भी कहना शुरु कर दिया था कि गजेन्द्र चौहान को केंपस में घुसने ही नहीं दिया जाएगा. यह तब था जबकि पूर्व में भी ऐसी नियुक्तियां होती रही थीं और छात्रों ने एक बार भी चौहान का काम देखा ही नहीं था यानी उनसे और किसी तरह की शिकायत होने का सवाल ही नहीं था.जब विरोध तेज हुआ और लंबा चला तो पुलिस को कैंपस में आना पड़ा और इसी बीच में जिन छात्र-छात्राओं पर केस लगे थरुर के अनुसार पायल भी उनमें से एक हैं. थरुर के सोशल मीडिया पर किए गए इस वार के बाद अब मामला फिर राजनीतिक हो गया है जबकि बात सिर्फ बधाई से शुरु हुई थी.