South Film Industry अब ड्रग कनेक्शन से परेशान
साउथ की फिल्म इंडस्ट्री में लग रहा ड्रग्स का पैसा?
इन दिनों साउथ की फिल्म इंडस्ट्री कई वजहों से डांवाडोल है, कभी हेमा कमेटी की रिपोर्ट तो कभी धड़ाधड़ सामने आ रहे ‘मीटू’ के मामले, इन सबके बीच कई फिल्मी लोगों की हालत इस वजह से पतली हो गई है क्योंकि करोड़ों की ड्रग तस्करी में पकड़ाया जफर सादिक जैसे जैसे उलझता जा रहा है वैसे वैसे उसे तमिल फिल्म इंडस्ट्री के से कनेक्शन भी सामने आते जा रहे हैं. इस साल जब तमिल फिल्म प्रोड़यूसर, स्टालिन की पार्टी के नेता और बहुत बड़े ड्रग तस्कर जफर सादिक को पकड़ा गया तो पता चला कि वह पिछले 11 साल में 3428 करोड़ की ड्रग्स की तस्करी कर चुका है और वह तीन देशों में ऑपरेट करता रहा है. इस ड्रग के पैसे से ही उसने फिल्में भी प्रोड्यूस कीं और पूरी इंडस्ट्री पर अपना प्रभाव भी जमाया. उसके राजनीतिक संबंध भी बहुत अच्छे थे और वह स्टालिन का करीब होने के साथ उनकी पार्टी का पदाधिकारी भी रहा है.
जफर सादिक ने खुद कबूला है कि पिछले 11 सालों में उसने 6 हजार किलो प्रतिबंधित ड्रग स्यूडोएफेड्रिन की तस्करी की और इसके ही पैसे से उसने 4 तमिल फिल्में भी बना डालीं. जब उसे पकड़ा गया था तक अंदाजा लगाया गया था कि 2000 करोड़ मूल्य की तस्करी उसने की होगी लेकिन बाद में खुद उसने बताया कि अनुमान से दोगुना तस्करी वह कर चुका है. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मलेशिया में यह प्रतिबंधित ड्रग बेचने वाला सादिक 2013 से इस काम में लगा हुआ था. जफर सादिक ने अपनी फिल्म कंपनी का नाम जेएसएम पिक्चर्स रखा और ‘इराइवन मिगा पेरियावन’, ‘मायावलाई’ और ‘मंगाई’ जैसी फिल्में बनाने के बाद अभी उसकी फिल्म वीआर07 भी आने ही वाली थी.