Jawan का चयन किस वजह से- नेशनल अवॉर्ड्स पर सवाल
रानी मुखर्जी और शाहरुख के बॉलीवुड में तीन तीन दशक के बाद उन्हें मिला पहला राष्ट्रीय पुरस्कार
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में साउथ के दिग्गज फिमकार और अभिनेता मोहनलाल को दादा साहेब फालके अवॉर्ड दिया गया. शाहरुख खान को तीन दशक लंबे करियर में पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार जवान फिल्म के लिए शेयर बेसिस पर मिला जो विक्रांत मैसी ने 12वीं फेल के लिए हासिल किया. वैसे जवान के चयन से बुहत से लोग समझ ही नहीं सके कि आखिर इसे क्यों चुना गया जबकि मैसी को ‘12वीं फेल’ प्रेरणादायक बायोपिक है जो शिक्षा व्यवस्था की चुनौतियां सामने रखती है.
इस बार रानी मुखर्जी को भी 30 साल के करियर के बाद पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ में अभिनय के लिए मिले इस पुरस्कार को उन्होंने दिवंगत पिता राम मुखर्जी को समर्पित किया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी विजेताओं को सम्मानित करते हुए भारतीय सिनेमा के बहुआयामी होने की सराहना की और महिला केंद्रित फिल्मों व फिल्मकारों की बढ़ती भागीदारी को भी सराहा. मेघना गुलजार की ‘सैम बहादुर’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला. श्रीकांत देसाई को सर्वश्रेष्ठ मेकअप के लिए, सुभ्रांशु दास को ओडिया फिल्म ‘पुस्करा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्म, मीनाक्षी सोमन को ‘लिटिल विंग्स’ के लिए नॉन-फीचर श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी का पुरस्कार दिया गया. जितेंद्र मिश्रा की फिल्म को सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर आधारित सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला. अंगदान पर आधारित फिल्म ‘गॉड वल्चर एंड ह्यूमन’ के लिए ऋषिराज अग्रवाल को सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र का पुरस्कार मिला.
वैभवी मर्चेंट को ‘धिंधोरा बाजे रे’ गीत के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का पुरस्कार मिला. अपूर्व मेहता ने समारोह को एक अद्भुत अवसर बताया, जहां विभिन्न भाषाओं और क्षेत्रों के कलाकारों से मिलने का मौका मिला. आशीष अविनाश भिंडे को मराठी फिल्म ‘आत्मपम्फलेट’ के लिए सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक का पुरस्कार मिला, जबकि शिल्पिका बोरदोलोई को ‘मऊ: द स्पिरिट ड्रीम्स ऑफ चीरो’ के लिए डेब्यू डायरेक्टर का सम्मान मिला.