Mamta Kulkarni किन्नर अखाड़े में शामिल
पिंडदान के बाद अब पट्टाभिषेक
90 के दशक में ग्लैमरस रोल्स करने वाली ममता कुलकर्णी ड्रग वगैरह जैसे मामलों में उलझने के बाद अब धर्म की राह पर चलने की बात कह रही हैं और उनकी इस बात पर भरोसा कर किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर तक बना दिया है, अब उनका पट्टाभिषेक होगा. प्रयागराज पहुंचकर ममता ने अपना पिंडदान किया और इसके बाद उन्हें किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बना दिया. ममता ने किन्नर अखाड़े की लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से पहले जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी जय अंबानंद गिरी से इसी सिलसिले में मुलाकात की थी लेकिन बाद में उनका प्रस्ताव किन्नर अखाड़े को ज्यादा पसंद आयाय और उन्हें महामंडलेश्वर बना दिया गया. किन्नर अखाड़ा 2015 में बना था. महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया में पिंडदान और पट्टाभिषेक अनिवार्य होता है. ममता कुलकर्णी ने शुक्रवार को अपना पिंडदान किया, और अब उनका पट्टाभिषेक होगा. लक्ष्मी त्रिपाठी ने बताया कि ममता दो सालों से सनातन धर्म के साथ इस अखाड़े में रुचि दिखा रही थीं. हालांकि उन्हें यह पद देने पर किन्नर अखाड़े पर भी सवाल उठ रहे हैं कि अपराा की दुनिया में लंबे समय तक रहने वाली और विवादित अतीत वाली ममता को बिना किन्नर हुए ही किन्नर अखाड़े में यह पद कैसे दे दिया गया.
गैंगस्टर विक्रम गोस्वामी से उन्होंने शादी कर ली थी और छोटा राजन से भी उनका नाम जोड़ा गया था, लंबे समय तक विेदशों में ही रहने के बाद ममता 25 साल बाद भारत लौटकर आई हैं.