August 5, 2025
Film

FilmFare वालों ने उठाए नेशनल अवॉर्ड्स पर सवाल

वो फिल्मफेयर जिसके अवॉर्ड बिकने की बात बीसियों बार आ चुकी है, नेशनल अवॉर्ड्स पर उठा रहा है सवाल

जिसे आप अब तक महज एक फिल्म मैगजीन समझते आए हैं वह किस तरह दशकों से प्रोपेगैंडा फैलाने के काम में जुटा संस्थान है यह बात आप फिल्मफेयर के एडिटर जितेश पिल्लई के उस बयान से समझ सकते हैं जो उन्होंने 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को दो सम्मान मिलने पर सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं. ‘द केरल स्टोरी’ को मिले इन सम्मानों पर पिल्लई ने नाराजी जताई है. पिल्लाई का कहना है कि यह फिल्म ‘खतरनाक’ है. पिल्लई इतने पर ही नहीं रुके बल्कि उन्होंने फिल्म को शातिर प्रचार और झूठी कहानी, घटिया स्क्रिप्ट, खराब एक्टिंग, बेकार फोटोग्राफी और बकवास निर्देशन वाली सबसे घटिया फिल्मों में से एक बता डाला है. मजे की बात यह है कि यह वही मैगजीन है जो अब तक बीसियों बार इन पुरस्कारों के बिकने की बात करने वाले इंटरव्यू छाप चुकी है और रिषि कपूर की बॉबी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कारों को खरीदने का जिक्र अपनी ऑटोबॉयोग्राफी तक में किया है.

पिल्लई ने नेशनल अवॉर्ड की जूरी और इसके अध्यक्ष आशुतोष गोवारिकर पर जमकर निशाना साधा लेकिन यह बताना भूल गए कि खुद उनकी मैगजीन द्वारा दिए जाने वाले अवॉर्ड्स की ज्यूरी कितनी बकवास होती है और कितनी बार इन पर अवॉर्ड बेचने के आरोप लगे हैं. पिल्लई ने सोशल मीडिया पर कहा कि मुझे नहीं पता कि मापदंड क्या थे लेकिन इस बार के नेशनल अवॉर्ड्स से अच्छे सिनेमा के प्रेमियों का सिर शर्म से झुक गया है. जबकि खुद फिल्मफेयर के बारे में माना जाता है कि इसके अवॉर्ड आसानी से खरीदे जा सकते हैं और स्टार किड्स को स्टेबलिश करने के लिए तो ये अवॉर्ड खास तौर पर पैसा लेते हैं.