Asrani की जीवनयात्रा हुई पूरी, 300 से ज्यादा फिल्में दीं
‘शोले’ के अंग्रेजों के जमाने के जेलर असरानी का निधन
हिंदी फिल्म जगत के लोकप्रिय अभिनेता और असरानी का मुंबई में 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. असरानी लंबे समय तक बॉलीवुड में अपने हास्य अभिनय के दम पर छाए रहे और अपनी विशिष्ट शैली, संवाद अदायगी से दर्शकों के बीच अपार लोकप्रियता हासिल की. असरानी को फेफड़ों में पानी भरने की समस्या हो गई थी जिसके चलते उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. डॉक्टरों की पूरी कोशिश के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका.
असरानी के मैनेजर बाबूभाई ठीवा का कहना है कि असरानी पिछले कुछ समय से भीड़ और मीडिया से दूर रहना चाहते थे और उनकी इच्छा के अनुरुप उनका अंतिम संस्कार कुछ करीबियों के बीच ही किया गया, जिसमें पारिवारिक सदस्य और मित्र ही शामिल हुए. असरानी की इच्छा थी कि उनके निधन पर सार्वजनिक शोकसभा या मीडिया कवरेज न हो. उन्होंने पत्नी मंजू असरानी से कहा था कि उनकी मृत्यु की खबर अंतिम संस्कार हो जाने के बाद ही सार्वजनिक की जाए उससे पहले नहीं. असरानी हमेशा कैमरे के सामने जीवंत और चुलबुले होते थे लेकिन निजी जीवन में बेहद शांतिप्रिय थे. असरानी के फिल्मी करियर की शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी और पांच दशकों में उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. फिल्म “शोले” में उनका ‘अंग्रेजों के ज़माने के जेलर’ वाला किरदार आज भी दर्शकों की स्मृति में जीवित है. असरानी का जाना सिर्फ एक अभिनेता का निधन नहीं है बल्कि उस युग के प्रतिनिधि का अंत है जब कॉमेडी में शालीनता और संवेदनशीलता होती थी.