Ganesh Chaturthi Parv- गणानां त्वा गणपति
गणेश चतुर्थी विशेष- गणपति आगमन से शुरु पर्वों का सिलसिला
त्योहारों के पूरे क्रम का प्रारंभ भी प्रथम पूजित गणपति के आगमन से होता है, 7 सितंबर शनिवार को भाद्रपद माह की चतुर्थी पर गणेश स्थापना को लेकर कुछ मूलभूत जानकारियां इस तरह हैं. चतुर्थी तिथि की शुरुआत तो 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 2 मिनट पर हो जाएगी और इसका समापन 7 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर होगा.
उदय तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना के लिए शुभ विशिष्ट मुहूर्त 12 बजकर 10 मिनट पर प्रारंभ होगा. एक घंटे 20 मिनट का यह मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा. श्रीगणेश को समर्पित यह पर्व गणपति बप्पा के रिद्धि-सिद्धि के आगमन पर मनाया जाता है और ड़ेढ़ दिन के गणपति से लेकर दस दिन तक के आयोजन दस दौरान किए जाते हैं. गणेश प्रथम पूज्य हैं और इनके पूजन से सुख-समृद्धि व विवेक प्राप्ति होती है. भक्तों की चिंताएं और कष्ट दूर करने वाले गजानन के आगमन से शुभ काम प्रारंभ करें तो वह हमेशा सफल होता है. प्रतिवर्ष इस भाद्रपद की चतुर्थी तिथि को एक उत्सव की तरह मनाया जाता है जो 10 दिनों तक चलता है और इसके साथ ही पर्वों का वह सिलसिला आरंभ होता है जो दीपावली के बाद ही कुछ मंद पड़ता है. इस साल चतुर्थी से प्रारंभ होने वाला यह उत्सव 7 सितंबर से 17 सितंबरतक चलेगा. शास्त्रों के अनुसार गणेश जी की दाई और बाई सूंड दोनों का अपना अलग महत्व है. दाईं ओर मुड़ी सूंड समृद्धि और सिध्दि की प्रचुरता से जुड़ी मानी जाती है जबकि बाईं ओर मुड़ी सूंड के गणपति की आराधना बुद्धि और रचनात्मकता के लिए की जाती है.