July 21, 2025
तीज त्यौहार

Diwali 2024 अमावस्या तो 31 अक्टूबर को ही

एक नवंबर को मनानी है दीवाली तो दिन में करनी होगी पूजा

2024 की दीवाली को लेकर कुछ जगहों पर जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश की गई जबकि हकीकत यह है कि एक नवंबर को दीवाली मनाए जाने का कोई कारण ही नहीं है और यह बात हर तर्क में सही साबित हुई है कि एक नवंबर को दीवाली मनना ही नहीं है. दरअसल सारा मामला दो अमावस्या तिथि पड़ने की बात से शुरु हुआ जबकि पंचांग से यह साफ है कि 31 अक्टूबर की दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से अमावस्या तिथि शुरु हो जाएगी और यह एक नवंबर को शाम से पहले ही समाप्त भी हो जाएगी. मान्यता यह है कि अमावस्या की रात ही मां लक्ष्मी का आगमन होता है और तिथि अनुसार देखें तो यह रात्रि 31 अक्टूबर की ही हो सकती है 1 नवंबर की तो कतई नहीं. अमावस्या को ही घरों को विशेष रूप से रोशनी और दीयों से सजाया जाता है और अमावस्या की रात को धन, सुख और समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी की अर्चना की जाती है. महालक्ष्मी का पूजन अमावस्या तिथि पर प्रदोष काल और स्थिर लग्न में उचित माना गया है. लक्ष्मी पूजन प्रदोषकाल और रात्रिकाल में ही किया जाता है जबकि 1 जनवरी की रात्रि तो अमावस्या की रात्रि ही नहीं होगी. इस सबके बावजूद कुछ आचार्यों का तर्क है कि उदय काल के बाद तीन प्रहर तक कोई तिथि हो तो उदयातिथि ही मानी जानी चाहिए.
जिन्हें एक नवंबर को ही दीवाली मनानी है उनके लिए पूजन क मुहूर्त 6 बजकर 16 मिनट से पहले ही समाप्त हो जाएंगे जबकि जो भी 31 अक्टूबर को दीवाली मना रहे हैं उनके लिए 3 बजकर 52 मिनट की दोपहर से रात तक में कई मुहूर्त हैं. 31 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 36 मिनट के बाद दीवाली लक्ष्मी पूजन के लिए दिन में 4.30 से लेकर 8.31 बजे तक शुभ चौघड़िया है जबकि 7.30 शाम से 10.44 तक चर चौघड़िया है इसके बाद रात्रि 11.45 से रात्रि 12.57 तक निशीथ कााल का विशेष मुहूर्त है.