ManMahesh स्वरुप में आज निकलेगी महाकाल की पहली सवारी
बाबा महाकाल की पहली सवारी, श्रावण के पहले ही दिन
श्रावण का प्रारंभ सोमवार से हो रहा है और अब पूरे माह शिव आराधना का जो ज्वार भक्तों में दिखेगा वही इसे सबसे शुभ महीने के तौर पर मान्यता देता है. यह वह समय है जब पूरे ब्रह्मांड में शिव तत्व व्याप्त हो जाते हैं. सौर वर्ष के अनुसार श्रावण पांचवां महीना है. यह माह हरियाली के साथ शुरु होता है और इसके समाप्त होते ही त्योहारों का लंबा सिलसिला शुरू हो जाता है. रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश महोत्सव, नवरात्रि, दशहरा और दीपावली तक का उत्सह भरा माहौल शुरु करने वाला माह है यह.
श्रावण में शिव की महिमा इसलिए भी विेशेष है कि प्रकृति गौरी का रुप हैं और यह महीने प्रकृति के नजरिए से सबसे उदार महीना है. शिव ब्रहा हैं और उनका अस्तित्व हर कण में है. आदिदेव और मां गौरा को एकरुप करने वाला यह महीना शिव को परमप्रिय है. बाबा महाकाल इस महीने के हर सोमवार अपने भक्तों को दर्शन मात्र से तृप्त कर देने स्वयं सवारी लेकर निकल पड़ते हैं और भक्त ह्दय श्रद्धालु मानते हैं कि उज्जियनी की इस सवारी को देखने स्वयं देवतागण भी यहां आ जाते हैं.
शिव का हर कण में समा जाना और जनता के बीच यूं स्वयं आ प्रकट होना भी कोई संकेत है कि चाहो तो हरित होती प्रकृति में दर्शन कर लो और चाहो तो पहली सवाारी में मनमहेश को निहारने आ जाओ. महाकाल, जो कालों के भी काल हों लेकिन जब अपने भव्य स्वरूप के साथ प्रजा के बीच निकलते हैं तो हर कण और हर क्षण के सत्य, शिव और सुंदर हो जाने का समय होता है और ऐसे क्षण सिवा श्रावण मास के कौन दे सकता है.
