Book Review ‘अब मैं बोलूंगी’ डायरीनुमा दस्तावेज
संवेदनशीलता को सहेजने की कोशिश वो किताब, वो डायरी, वो पीड़ा, वो दस्तावेज जिसे पढ़कर यह अनुभूति होती है कि
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संवेदनशीलता को सहेजने की कोशिश वो किताब, वो डायरी, वो पीड़ा, वो दस्तावेज जिसे पढ़कर यह अनुभूति होती है कि
Read Moreडॉक्टर किसलय पंचोली का कहानी संग्रह लोकार्पित रिपोर्ट-डॉ. रागिनी सिंह -वामा साहित्य मंच के बैनर तले वरिष्ठ लेखिका डॉ. किसलय
Read More-कलम एक व्यक्ति की लेकिन व्यथा हजारों मीडियाकर्मियों की -स्वरांगी साने-मेरे हाथ एक किताब आती है, किताब कहूँ या डायरी,
Read More–इंदौर प्रेस क्लब की लाइब्रेरी को और समृद्ध बनाएगा यह खजाना -पुस्तकों के बीच बैठ कर उनसे संवाद करना और
Read Moreजब पत्नी सहयोग करती है तो पति… लेखक बनता है… और जब असहयोग करती है तो… महान लेखक बनता है.
Read Moreकहन की सम्मोहित कर देने वाली जीवंत शैली और अंग्रेजी सहित्य के गलियारे -स्मृति आदित्य‘घुमक्कड़ी’ एक किताब नहीं नशा है
Read More–स्मृति आदित्य-लौट आओ लड़की… कहाँ खो गई हो….कैसी बंजर धरती पर अपने सपने बो गई हो-लौट आओ लड़की कहाँ खो
Read More-शैली बक्षी खड़कोतकरस्मृति आदित्य, मीडिया और साहित्य का सुपरिचित नाम, जब कहती हैं ‘अब मैं बोलूँगी’ तो सुनने वालों को
Read Moreस्त्री में संतुलन साधने का गुण नैसर्गिक: डॉ. संदीप अत्रे पारिवारिक, आर्थिक और सामाजिक दायित्वों में संतुलन साधती स्त्री के
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