WTO में चीन ने की अमेरिका की शिकायत
अमेरिकी टेरिफ के जवाब में कनाडा के बाद अब अमेरिका ने भी लगाए नए टैरिफ रेट
अमेरिका द्वारा चीन के उत्पादों पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर 10 से 15 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. यह टैरिफ 10 मार्च से प्रभावी होगा, इसके साथ चीन ने ट्रम्प की विश्व व्यापार संगठन में भी शिकायत दर्ज कराई है. चीनी वित्त मंत्रालय ने बताया है कि अमेरिका से आयातित शीर्ष अमेरिकी उत्पादों पर नए टैरिफ लागू होंगे, जिनमें गेहूं, मक्का और कपास शामिल हैं. इस निर्णय को विश्व की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध की तरह लिया जा रहा है. गेहूं, मक्का और कपास के आयात पर 15 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा, जबकि ज्वार, सोयाबीन, फल, सब्जियां और डेयरी उत्पादों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा.
चूंकि अमेरिका ने कनाडा, मैक्सिको के साथ ही चीन से आयात पर टैरिफ लगाया है, इसलिए अब जवाबी टैरिफ का दौर चल रहा है. कनाडा ने तो 125 अरब डॉलर मूल्य के अमेरिकी उत्पादों पर 25 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया है. मेक्सिको भी इसी राह पर है. ट्रम्प मानते हैं कि टैरिफ से देश की समस्याएं हल हो सकती हैं. लेकिन कुछ अर्थशास्त्री इससे मुद्रास्फीति की शंका जता रहे हैं. ट्रम्प टैरिफ को ऐसा शक्तिशाली हथियार मानते हैं जिसका बिडेन जैसे नेताओं ने इसलिए उपयोग नहीं किया क्योंकि वे मूर्ख और बेईमान थे. चीन ने इसके जवाब में एक और बड़ा कदम उठाते हुए 25 अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. चीन का आरोप है कि ये कम्पनियां ताइवान को हथियार बेचती हैं. चीन ने अमेरिका पर फेंटानिल को लेकर ब्लैकमेलिंग का भी आरोप लगाया. चीन का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन टैरिफ मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है बशर्ते ट्रम्प सुनने को तैयार हों.