World Share Market टैरिफ के चक्कर में पूरी दुनिया के बाजार खतरे में
अमेरिका से मनजी कर रहे हैं शेयर दुनिया का आज का विश्लेषण
दुनियाभर के बाजारों पर भालुओं ने यानी मंदड़ियों ने ऐसा कब्जा कर लिया है कि आज सारा शेयर मार्केट लाल निशान पर ही रहा. पाकिस्तान में तो दुनिया के बाजारों के हालात देखते हुए स्टॉक मार्केट को आज दिन में ही बंद कर दिया गया- लोअर सर्किट आदि की परवाह ही नहीं की. पाकिस्तान के वित्त मंत्री औरंगज़ेब ने देश की इकॉनामी संभालने का बीड़ा उठाते हुए कहा है कि मुलुक की इकॉनामी बादशाह औरंगजेब के ज़माने वाली बना दूँगा.
उधर पिछले तीन महीने से अमेरिका में इतनी उथल पुथल मची है कि किसी थ्रिलर फ़िलिम को भी मात कर दें. रोजाना कुछ ना कुछ ऐसा वाइल्ड एक्शन होता है जिसकी उम्मीद ना की होती है. आज, सोमवार के दिन- समस्त दुनिया के मार्केट को ख़ूनी लाल करने के बाद ट्रम्प महाशय ने कहा- चिंता की कोई बात नहीं, सब चंगा सी. अमेरिका में तेल के रेट ठीक हो रहे है, सब वस्तुएं धीरे धीरे सही दामों पर मिलने लगेंगी. महाशय का कहना है- अमेरिकन इकॉनमी बिल्कुल दुरुस्त है. यही नहीं- आगे फ़रमाते है- अब तक पचास देशों ने अमेरिका पे लगाये जाने वाले टैरिफ को कम करने की इच्छा जताई है और अमेरिका शनिवार से ही अपने राजस्व में बढ़ोतरी कर चुका है. खैर- एक बात तो साफ़ है, अनेक देश टैरिफ कम करने को रेडी है. यूरोपियन यूनियन ने भी काउंटर टैरिफ के बढ़े दर को लागू करने का फिलहाल इरादा त्याग दिया है- कहा है- अप्रैल के अंत तक रुकने को तैयार है. अमेरिका के तमाम बड़े सीईओ आदि ने टैरिफ वॉर पर चिंता जताई है. बात दरअसल फिनिश्ड गुड्स पर बढ़े रेट की नहीं है- पार्ट्स से लेके कच्चा माल अधिकतम बाहर से आता है- लिहाजा इस हिसाब से सब अमेरिका मेड गुड्स अपने आप महंगे हो जायेंगे. आइफोन की कीमत भी बढ़ने की आशंका है.
आज इजराइल के सदर नेतन्याहू सुफेद कोठी में दस्तरखान पर अपनी तशरीफ़ लायेंगे. इसी संदर्भ में एक अहम अपडेट ये है- कि अमेरिकी सरकार युद्धस्तर पर इधर पढ़ने आए इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के वीसा धड़ाधड़ कैंसिल करने पे लगी हुई है. फ़िलिस्तीन के लिए यदि कोई भी स्टूडेंट ढपली बजाता हुआ या झंडा लहराता पाया जाएगा, उसका बोरिया बिस्तर बांध देश से निकाल देने के प्रावधान लागू है. इस सप्ताहांत साउथ सूडान के तमाम स्टूडेंट्स जो अमेरिका में है, सबका वीसा अमेरिका ने निरस्त कर दिया. सबको वापस जाने को बोल दिया गया है. कारण- साउथ सूडान ने अपने अवैध प्रवासियों को वापस लेने से इंकार किया था. प्रतिउत्तर में अमेरिका ने कहा- जो भी देश अपने अवैध लोगों को वापस नहीं लेगा, हम उस देश के वैध लोगों को भी वापस भेज देंगे- और आगे से अंदर भी नहीं घुसने देंगे. ट्रम्प महाशय या तो पक्का सठिया चुके है या फिर बड़ी सधी हुए बाजी खेल रहे है. टैरिफ वॉर में चीन को यदि नाथने में सफल हुए- तो निसंदेह सब पाप धुल जायेंगे!