Tata Trust विवाद के बीच शाह, सीतारमण के साथ बैठक भी
टाटा संस और टाटा ट्रस्ट में चल रही खींचतान के बीच रतन टाटा की पहली बरसी
टाटा समूह में चल रहे आंतरिक विवाद ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया जब इस ग्रुप के प्रमुख लोगों ने अमित शाह के साथ बैठक की. टाटा संस की बोर्ड सीटों पर बढ़े मतभेदों और शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के साथ सुलह प्रयासों के बीच यह पौन घंटे की मीटिंग बहुत खास मानी जा रही है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि मामले को आपस में बैठकर जल्द सुलझाया जाए ताकि देश की सबसे बड़ी औद्योगिक इकाई पर कोई नकारात्मक असर न पड़े. इस बैठक में शाह के अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा, वाइस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन और ट्रस्टी डेरियस खंबाटा भी थे.
विवाद की शुरुआत टाटा संस बोर्ड में खाली चार सीटों को भरने पर हुई. विजय सिंह को फिर से नियुक्ति देने पर नोएल टाटा और वेणु श्रीनिवासन समर्थन में थे जबकि मेहली मिस्त्री विरोध कर रहे थे. टाटा ट्रस्ट की अगली बोर्ड बैठक 10 अक्टूबर को निर्धारित है. मार्च 2024 तक टाटा संस की मार्केट वैल्यू 27.85 लाख करोड़ और टाटा ग्रुप की वैल्यू 15.9 लाख करोड़ आंकी गई थी. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप अभी टाटा संस में 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है और उसके डाइल्यूशन को लेकर भी बातें चल रही हैं. टाटा समूह के भीतर चल रहे विवादों को सुलझाना न समूह ही नहीं देश की आर्थिक संरचना के लिए भी आवश्यक है. सरकार की सक्रिय भूमिका इसी दिशा का संकेत दे रही है.