Start Up तेजी से हो रहे शट डाउन
आंकड़े बता रहे कि अब जितने शुरु होने की दर कम और बंद होने की दर ज्यादा है स्टार्ट अप में
पिछले दो सालों में देश के 28,000 से ज्यादा स्टार्टअप बंद हो गए हैं. 2023 में 15,921 और 2024 में 12,717 स्टार्ट अप ऐसे रहे जिन्होंने कामकाज समेट लिया. डाटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बता रहे हैं कि इन दो वर्षों में बंद होने वाले इंडियन स्टार्टअप की संख्या साल पूर्ववर्ती तीन सालों यानी 2022 तक बंद होने वाले 2,300 स्टार्टअप से दस गुने से भी ज्यादा हो चुकी है. 2024 में स्टार्टअप्स रजिस्ट्रेशन की संख्या भी घट गई जबकि 2019 से 2022 तक औसतन 9,600 से अधिक स्टार्ट अप रजिस्टर हो रहे थे पिछले साल में यह आंकड़ा तीन हजार से भी कम पर आ गया.
जिन सेक्टर में सबसे ज्यादा स्टार्टअप्स बंद हुए हैं, उनमें एग्रीटेक, फिनटेक, एडटेक और हेल्थटेक शामिल हैं. इन स्टार्ट अप के विफल होने की मुख्य वजह शुरुआती भारी पूंजी निवेश, बेतहाशा नकद खर्च कस्टमर रिटेनिंग की मुश्किलें मानी जा रही हैं. ऑपरेटिंग कॉस्ट मैच न कर पाना भी कई स्टार्ट अप ने बंद होने की वजहों में गिनाया है. इसी के साथ बड़ी कंपनियों द्वारा स्टार्ट अप के अधिग्रहण की संख्या में भी कमी आ गई है. 2021 में 248 स्टार्ट अपन अच्छे दामों पर बड़ी कंपनियों ने खरीद लिए थे लेकिन पिछले साल यह संख्या सिर्फ 131 रह गई. इस साल अब तक जितने स्टार्ट अप शुरु हुए हैं उससे ज्यादा बंद हो चुके हैं और अब तक यानी अप्रैल 2015 तक 259 स्टार्टअप्स ने काम बंद करने का फैसला लिया है. बड़ी संख्या में स्टार्ट अप बंद होने की वजह व्यवसाय मॉडल में लॉन्ग टर्म या विकसित बाजार की गतिशीलता का अभाव था.