Starlink सेटेलाइट इंटरनेट सर्विस इसी साल शुरु होगी
प्रति माह तीन हजार तक हो सकता है नेट सुविधा का शुल्क
लंबे समय से एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के भारत में इंटरनेट सर्विस देने की बात पर चर्चा चल रही थी लेकिन सरकारी अनुमति मिल जाने के बाद अब देखा जा रहा है कि आखिर स्टारलिंक भारत में क्या रणनीति अपनाती है. सरकार से सेटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए स्टारलिंक को पांच साल के लिए मंजूरी दी है. चूंकि स्टारलिंक 100 से ज्यादा देशों में सेटेलाइट इंटरनेट की सुविधा दे रही है और इसका कवरेज दूर दराज तक में बेहतर मिलता है इसलिए सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है.
इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन से जेन वन सेटेलाइट से नेट सुविधा देने की वाणिज्यिक संचालन की अनुमति मिलने से यह वनवेब और जियो के अलावा तीसरी कंपनी है जिसे भारत में सेटेलाइट इंटरनेट सेवा का लाइसेंस मिला है, स्टारलिंक ग्राउंड इंफ्रा बनाने, स्पेक्ट्रम लेने जैसे कामों में जुटे होने के साथ ही यहां के यूजर्स को लेकर भी काम कर रही है. स्टारलिंक की तेज स्पीड वाली सेटेलाइट सेवाओं के चार्ज क्या होंगे इस पर भी बातें चल रही हैं. माना जा रहा है कि 30 से 43 हजार तक की डिवाइस के साथ लगभग तीन हजार रुपए महीने के चार्ज स्टारलिंक लगा सकती है. इसका सीधा मुकाबला बीएसएनएल के डायरेक्ट टु डिवाइस से है क्योंकि एयरटेल और जियो को तो मस्क की कंपनी साथ लेने में जुटी हुई है.