Operation Sindoor कंगाली की तरफ पाक को एक धक्का भी है
छह करोड़ की आबादी गरीबी रेखा से नीचे, हर पाकिस्तानी पर तीन लाख का कर्ज
खस्ताहाल पाकिस्तान यह तो कह देता है कि उसका विदेशी मुद्रा भंडार 16 बिलियन अमेरिकी डॉलर है लेकिन यह बताने में उसे शर्म महसूस होती है कि यह पूरा पैसा कर्ज का ही है. ऐसे में युद्ध के बारे में वह सोचता है तो उसका जीडीपी सीधे दो फीसदी तक तुरंत टपक जाएगा. 22 अप्रैल के बाद से ही उसका स्टॉक बाजार रोज लाल निशान पर बंद हो रहा है और जबरदस्त झटके खा रहा है. आईएमएफ ने कह दिया है पाकिस्तान का खजाना लगभग खत्म है और जो नया कर्ज लेने की अर्जी पाकिस्तान ने दी थी उस पर भारत ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान को दिया कोई भी नया कर्ज डूब ही जाना है. आईएमएफ भी मानता है कि पाकिस्तान के लिए पहले वाले कर्ज चुकाना ही मुश्किल है. चीन से मिले पैसे के बाद भी पाकिस्तान के लिए आईएमएफ वाला कर्ज बहुत जरुरी है. पाकिस्तान 2017 से अब तक अपने रुपए की कीमत बार बार गिरा कर मामले को सुधारने की कोशिश करता रहा है.
अभी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 281 रुपए के स्तर से नीचे है. आयात महंगा होते जाना और महंगाई पर काबू न होना शाहबाज सरकार की बड़ी सिरदर्दी है. जब पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 3.09 अरब डॉलर बचा हो और उसमें तीन अरब डॉलर सऊदी अरब और यूएई के हों तो पाकिस्तान के लिए खर्च चलाना ही मुश्किल है क्योंकि यह गारंटी के पैसे को वह हाथ नहीं लगा सकता. यानी आज की तारीख से अगले तीन हफ्तों तक की आयात जरूरतें पूरा कर सकने लायक पैसा ही बचा है. का पूरा कर सकता है. पाकिस्तान में उत्पादन और खपत दोनों गिर रहे हैं और आटा, दाल और चावल तक की कीमतें आसमान छू रही हैं. पेट्रोल और डीजल भी इसी राह पर हैं. बिजली के मामले में नेशनल ग्रिड बार बार फेल हो रही है और ऑपरेशन थिएटर तक बंद करना पड़ रहे हैं लेकिन इंफ्रा पर खर्च करने के लिए पैसे ही नहीं हैं. पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था वर्ल्ड बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के कर्जों पर बची है. उत्पादन और खपत दोनों में जबरदस्त गिरावट है. पाकिस्तान की छह करोड़ की आबादी गरीबी रेखा से नीचे है. हर नागरिक 3 लाख रुपए का कर्जदार है. उधर ट्रंप ने आईएमएफ को कह दिया है कि पाकिस्तान की सहायता में कटौती करें. ट्रंप तो 15 साल में आतंकवाद खत्म करने के नाम पर लिए गए 33 अरब डॉलर यानी दो लाख दस हजार करोड़ रुपया भी वापस लेने के मूड में हैं. भारत के पानी रोक देने से जो कृषि फसलों के उत्पादन में गिरावट आने वाली है वह भी पाकिस्तान को आर्थिक तौर पर भारी पड़ने वाली है और तो और पीने के पानी का इंतजाम करने भर में पाकिस्तानी खजाना दम तोड़ देगा. भारत ने जो स्ट्राइक की है उसका असर बाकी मामलों में तो होना ही है लेकिन इससे पाकिस्तान का कंगाली में तो बहुत तेजी से घिरना तय है.