Noel Tata को ही मिली टाटासंस की कमान
पैलोनजी मिस्त्री के दामाद भी हैं नोएल
रतन टाटा के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी चुनने का सवाल आया तो सबसे पहला नाम उनके सौतेले भाई नोएल टाटा का आया और आखिर इसी नाम पर मुहर भी लगी. टाटासंस का पूरा काम ट्रस्टों के माध्यम से होता है इसलिए दोराबजी टाटा ट्रस्ट और रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी और रतन टाटा के भाई नोएल टाटा का नाम प्राथमिकता से आना स्वाभाविक था. ये ट्रस्ट ही टाटा संस के सबसे बड़े शेयर होल्डर्स हैं.
नोएल टाटा की उम्र 67 साल है और वे टाटा ग्रुप से 2000 से सक्रिय रुप से जुड़े हुए हैं. 2011 में जब उन्हें टाटा इंटरनेशनल का मैनेजिंग डारेक्टर बनाया गया था तभी से यह बातें सामने आने लगी थीं कि वे आगे जाकर पूरे ग्रुप के मुखिया बन सकते हैं. उनके नेतृत्व में टाटा इंटरनेशनल ने बहुत अच्छे रिजल्ट्स दिए और 2018 तक वे टाइटन के वाइस चेयरमैन, 2019 में सर रतन टाटा ट्रस्ट में ट्रस्टी और 2022 में टाटा स्टील के भी वाइस चेयरमैन बना दिए गए. उनके पक्ष में एक और बात यह भी रही कि वे टाटा ग्रुप में इंडिविजुअल शेयरहोल्डर बतौर सबसे ज्यादा हिस्सा रखने वाले पैलोन जी मिस्त्री के दामाद हैं. 132 साल पुराने इस ग्रुप में पैलोनजी मिस्त्री की बेटी अलू मिस्त्री के अलावा नोएल अलू के तीनों बच्चे अलग अलग ट्रस्ट में शामिल हैं.