NATO चीफ को भारत का जवाब हमें धमकी न दें
रुस से तेल खरीदने को लेकर पहले भी भारत से नाराजी जताई जा चुकी है लेकिन अब धमकी दी गई तो दिया करारा जवाब
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बाद नाटो के चीफ मार्क रूट ने रूस से तेल लेने के मामले में भारत को धमकी देने की कोशिश तो की लेकिन भारत ने जो जवाब दिया है वह भी लाजवाब ही है. ट्रंप और रुट भारत सहित उन सभी देशों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकियां दे चुके हैं जो रुस से सौदे कर रहे हैं. जब यही धमकी भारत को पिछले दिनों दी गई तो अब विदेश मंत्रालय ने साफ और दो टूक लहजे मे कहा है कि हम पर किसी का दबाव नहीं चलेगा ओर भारत अपने हिसाब से देशों के साथ संबंध रखने वाला है न कि किसी के दबाव में. नाटो ने चीन और ब्राजील के साथ ही भारत को भी उस श्रेणी में रखे की बात कही थी जिन पर रुस से व्यापार करने के चलते सौ प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया जाना प्रस्तावित है. इन्हें सेकेंडरी सैंक्शंस बताते हुए रूट ने अमेरिकी सीनेटरों को संबोधित करते हुए चेतावनी दी थी कि चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री हैं या ब्राजील के राष्ट्रपति सुन और समझ लें कि अब रुस से व्यापार करने वालों पर नए सैंक्शंस लगाए जाएंगे जो बहुत भारी पड़ सकते हैं. नाटो के निशाने पर विशेष तौर पर रुस से तेल और गैस के सौदे करने वाले देश हैं.
उधर रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रियाबकोव ने सारी धमकियों को खारिज करते हुए कहा कि हम अमेरिका से बात करने को तैयार हैं लेकिन ऐसी चेतावनियां हमें मंजूर नहीं हैं और न इनके दबाव में हम अपनी नीतियां बदलने जा रहे हैं. भारत फिलहाल रुस से बेचे जाने वाले कच्चे तेल का बड़ा खरीदार है लेकिन जिस लहजे में भारत की तरफ से जवाब दिया गया है उससे साफ है कि दबाव बनाकर रुस संबंध बिगाड़ने की कोशिशें अभी तो काम करती नजर नहीं आ रही हैं.