Myntra पर ईडी की तिरछी निगाह, सहायक कंपनी भी उलझी
कंपनी पर फेमा कानून के उल्लंघन का मामला, सहायक कंपनी वेक्टर का भी झोल
ईडी ने ‘मिंत्रा’ और उससे जुड़ी कंपनियों पर फेमा नियम के उल्लंघन की शिकायत दर्ज की है. मिंत्रा डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों पर भी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत शिकायत हुई है. मिंत्रा पर 1,654 करोड़ से ज्यादा के विदेशी निवेश में हेराफेरी का आरोप लगाया गया है.
ईडी को शिकायत मिली थी कि मिंत्रा और उसकी सहयोगी कंपनियां मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग में शामिल हैं लेकिन उन्होंने खुद को थोक कैश एंड कैरी बिजनेस करने वाला बता रखा है, ऐसा करते हुए कंपनी ने 1654 करोड़ से ज्यादा का विदेशी निवेश भी लुभाया. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई को लेकर भारत की जो नीति है उसके हिसाब से मिंत्रा का ऐसा करना गलत व्यवसाय की श्रेणी में आता है. ईडी ने जांच में पाया कि मिंत्रा ने अपना लगभग सौ प्रतिशत सामान वेक्टर ई-कॉमर्स के माध्यम से खुदरा ग्राहकों को बेचा है इसलिए अब यह कंपनी भी ईडी के राडार पर है. बीटूबी और बीटूसी नियमों का भी उल्लंघन पाया गया है क्योंकि समूह की कंपनियों को केवल 25 प्रतिशत तक थोक बिक्री हो सकती है.