Indo British Trade क्यों खास है यह समझौता
तीन साल से अटक रहा समझौता आखिर हो ही गया
ब्रिटेन और भारत के बीच हुए फ्री ट्रेड समझौते को खास माना जा रहा है. दरअसल ट्रंप की टैरिफ उथल-पुथल के बाद दोनों पक्षों के बीच व्यापार समझौता होना एक बड़ा कदम माना जा रहा है हालांकि इसमें कुछ देर जरुर हुई. इस समय भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और ब्रिटेन इससे निचली पायदान यानी छठे नंबर पर है. तीन साल तक टलते रहे इस समझौते के बाद 2040 तक द्विपक्षीय व्यापार को 25.5 अरब पाउंड यानी 43 अरब डॉलर तक जाने की उम्मीद है. चीन सहित कई देशों पर लगे ट्रंप के प्रतिबंध भारत के लिए मौके के रूप में उभरे हैं.
यूके-भारत के बीच के इस समझौते के बाद व्हिस्की और कारों के सेल्स में बदलाव की संभावना है. ब्रिटिश कंपनियों को भारत में ठेके लेने का मौका मिलेगा व भारतीय लोगों का ब्रिटेन में काम करना आसान होगा. ब्रिटिश उद्योग संगठन सीबीआई ने कहा कि यह समझौता ‘व्यापारिक प्रतिबंधों वाली खबरों के बीच एक उम्मीद की किरण’ है. ब्रिटिश ऑटो इंडस्ट्री संस्था एसएमएमटी ने भी इस समझौते पर खुशी जताई है. भारत के व्यापार मंत्रालय ने कहा कि अब भारतीय निर्यात को जीरो ड्यूटी से लाभ होगा, जिसमें कपड़ा भी शामिल है, जबकि ब्रिटेन को 90 फीसदी टैरिफ छूट मिलेगी.