June 21, 2025
Business Trends

IMF ने कहा भारत की जीडीपी दस साल में दोगुनी हुई

मुद्रास्फीति के आरबीआई अनुमानों के निचले स्तर पर ही रहने की उम्मीद

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने नए आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि पिछले दस सालों में भारत की जीडीपी दोगुनी बढ़ गई है. कीमतों पर देश की जीडीपी 2015 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर की मानी गई थी जो अब यानी 2025 में 4.27 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच रही है. यदि यह आंकड़ा इस साल के अंत तक हासिल हो जाता है तो वृद्धि दर सौ से भी कुछ ज्यादा ही बैठेगी. आईएमएफ का कहना है कि चालू वर्ष के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत है, जो भारत को दुनिया की सबसे गतिशील अर्थव्यवस्था मानने के पर्याप्त कारण देती है. इस दौरान मुद्रास्फीति आर्थिक स्थितियों को प्रभावित करने वाला सबसे इंपोर्टेंट फैक्टर है. भारत में मुद्रास्फीति इस साल 4.1 प्रतिशत तक रह सकती है यानी आरबीआई ने तो अनुमानित सीमा 4 से 6 प्रतिशत के बीच मानी थी, उसके निचले स्तर के आसपास ही इसका बने रहने की संभावना है. आईएमएफ का कहना है कि उच्च ऋण स्तर कुछ चुनौतियां खड़ी कर सकता है, लेकिन भारत की आर्थिक गति अच्छी चल रही है और इससे व्यक्तिगत समृद्धि और जीवन स्तर में सुधार के संकेत भी मिल रहे हैं.

आंकड़े बताते हैं कि प्रति व्यक्ति जीडीपी 11,940 अमेरिकी डॉलर तक पहुंची है जो पिछले जीवन स्तर में सुधार का अच्छा इंडिकेटर है. हालांकि देश के आर्थिक उत्पादन की तुलना में सरकार की अधिक उधारी को लेकर काम किया जाना जरुरी है. इस तरह जीडीपी में अच्छी बढ़त, स्थिर विकास और आय के स्तर में सुधार जहां अर्थव्यवस्था के लिए राहत की बात करते हैं वहीं मुद्रास्फीति और उच्च सार्वजनिक ऋण जैसे फैक्टर ही हैं जो चिंता का कारण हो सकते हैं.