Gadkari ने वित्तमंत्री के सामने रखी मांग
इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 प्रतिशत टैक्स क्यों
एक मंत्री यदि दूसरे मंत्री को पत्र लिखकर टैक्स पर विचार करने को कहे तो खबर तो बनती है, ऐसे में यदि मंत्री नितिन गडकरी हों तो मामला थोड़ा बड़ा हो जाता है. दरअसल नागपुर डिविजनल लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन की कर्मचारी यूनियन ने गडकरी के सामने हिसाब किताब रखते हुए बताया था कि लाइफ इंश्योरेंस और मेडिकल इंश्योरेंस पर 18 प्रतिशत का जीएसटी लगना कितना भारी पड़ रहा है.
गडकरी ने बारीकी से समझा और पाया कि वाकई यह तो लोगों के लिए बड़ा मामला है. उन्होंने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा कि इस बात पर विचार किया जाए कि इंश्योरेंस प्रीमिश्म पर 18 प्रतिशत का टैक्स कितना उचित है. गडकरी ने इसके लिए दो तर्क रखे हैं, पहला तो यह कि यह आम लोगों पर बोझ है और जीवनव की अनिश्चितताओं के लिए लिए जाने वाले बीमाधारकों को प्रभावित कर रहा है. दूसरी बात यह कि बढ़ते प्रीमियम और उस पर इतने टैक्स के चलते इस इंडस्ट्री को भी काफी मुश्किलें झेलना पड़ रही हैं. अब गडकरी पत्र लिखने के बाद एक महीने से इंतजार कर रहे हैं कि निर्मला सीतारमण क्या जवाब भेजती हैं लेकिन अब तक तो कोई जवाब आया नहीं है.