Budget में 12 लाख तक टैक्स नहीं तो स्लैब चार लाख से शुरु क्यों, समझें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में यह तो कहा कि इंकम टैक्स अब 12 लाख सालाना तक कमाने वालों पर नहीं लगेगा लेकिन आमतौर पर लोग समझ नहीं पाते कि 12 लाख तक शून्य टैक्स और 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के चलते टैक्स स्लैब इससे आगे शुरु होना चाहिए तो स्लैब चार लाख से क्यों शुरु हो रहे हैं और स्लैब देखें तों पता चलता है कि चार से आठ लाख तक पर पांच प्रतिशत टैक्स का भी प्रावधान है.
दरअसल इसे इस तरह समझना होगा कि 12 लाख तक की सालाना कमाई पर कोई इंकम टैक्स नहीं होगा और वेतनभोगियों को 12.75 लाख तक की कमाई पर टैक्स नहीं देना है लेकिन जब इससे आगे की कमाई पर टैक्स गणना होगी तो ये चार से आठ लाख के पांच प्रतिशत, आठ से 12 लाख तक दस प्रतिशत और 12 से 16 लाख तक की कमाई पर पंद्रह प्रतिशत की दर से टैक्स जोड़ा जाएगा. सीधा सा मतलब यह हुआ कि आप बीस लाख कमा रहे हैं तो 20 में से 12.75 लाख घटाकर पूरे पर पंद्रह प्रतिशत टैक्स जोड़ने के बजाए स्लैब के हिसाब से टैक्स गणना होगी. यानी टैक्स स्लैब टैक्स की गणना की सुविधा के लिए बने हैं. मान लें कि किसी की कमाई 13 लाख है तो उसे 12 लाख से 16 लाख वाले 15 प्रतिशत के हिसाब से 1.95 लाख का टैक्स नहीं देना है बल्कि 75 हजार स्टैण्डर्ड डिडक्शन घटाने के बाद 12.25 लाख में 4 लाख तक शून्य टैक्स, 4 से 8 लाख पर 5 प्रतिशत या 20 हजार का टैक्स, अगले 4 लाख पर 10 प्रतिशत यानी 40 हजार और बाकी 25 हजार पर 15 प्रतिशत यानी 3750 टैक्स देना होगा. यानी फ्लैट 1.95लाख का टैक्स न देकर उसे स्लैब के हिसाब से 63750 रुपए भरने होंगे.