Budget में सहयोगी दलों का खास ध्यान, आम लोगों को मामूली राहत
नए टैक्स रिजीम और पुराने में भेदभाव बढ़ा
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार बजट पेश कर रिकॉर्ड बना दिया और इस बजट में उन्होंने अपने सहयोगी दलों का खास ध्यान रखा यानी बिहार और आंध्रप्रदेश के लिए स्पेशल स्टेटस न देते हुए भी काफी कुछ प्रावधान कर दिए गए. मध्यम वर्ग के लिए काफी कुछ करने की कोशिश की गई है जिसमें टैक्स स्लैब बदलने से लेकर स्टैंडर्ड डिडक्शन भी नए सिरे से तय करने जैसे प्रयास शामिल हैं लेकिन बाजार को यह बजट खास रास नहीं आया और वह संवेदी सूचकांक जो बजट से पहले तेज बढ़ता लग रहा था बजट के बाद हजार अंकों को गोता लगा गया. बाजार को सबसे बुरा वह हिस्सा लगा जिसमें एक साल से ज्यादा की इक्विटी या शेयर्स पर टैक्स बढ़ा दिया गया है. एक साल से ज्यादा के इक्विटी निवेश पर टैक्स 15 से बढ़कर 20 प्रतिशत होगा जबकि इतनी ही अवधि से ज्यादा रखे गए शेयर्स पर 10 प्रतिशत से बढ़कर टैक्स 12.5 प्रतिशत होगा. नौकरीपेशा लोगों के लिए बदले गए टैक्स स्लैब में बदलाव भी कोई बड़ा नहीं है लेकिन मामूली राहत तो दे ही सकता है. मोबाइल और सोलर से जुड़ी चीजें सस्ती होने की संभावना है क्योंकि इन पर टैक्स घटा है. सोना चांदी और प्लेटिनम के भाव भी नरम पड़ सकते हैं क्योंकि इन पर ड्यूटी कम हुई है. 2024-25 के लिए मोदी सरकार का केंद्रीय बजट लोकसभा में 11वां बार करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि करीब एक करोड़ लोगों को टैक्स में फायदा होगा. नए स्लैब में तीन से सात लाख रुपये तक 5%, सात से दस लाख तक 10% टैक्स का प्रावधान है और यही वर्ग देश में सबसे बड़ा है.
कुछ खास प्रावधान:
चैरिटी की दो अलग-अलग व्यवस्थाएं, एक कर छूट व्यवस्था होगी.
न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार
विभिन्न भुगतान पर 5 प्रतिशत की जगह टीडीएस अब दो प्रतिशत.
म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई की पुर्नखरीद पर 20 फीसदी टीडीएस हटा.
ईकॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस 0.1 प्रतिशत.
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स 20 प्रतिशत
आयकर कानून की छह महीने में समीक्षा
एंजल टैक्स हट गया
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया कि पिछले 10 वर्षों में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन को लेकर बेहतर प्रगति हुई है और इसमें तीन गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या लगभग ढ़ाई गुना बढ़ गई है. टैक्स रिफंड मिलने में लगने वाला समय औसत 93 दिनसे घटकर 10 दिन हो गया है.
बजट प्रतिक्रिया-
लांग टर्म के लिए बेहतर
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) को बढ़ाने का रिटले इन्वेस्टर्स पर असर होगा लेकिन एफएंडओ में बिना सोचे समझे उतरने वालों को जो नुकसान हो रहा है उनके नजरिए से यह अच्छा कदम हो सकता है. शॉर्ट टर्म केपिटल गेन्स पर टैक्स 15 से बढ़ाकर बीस प्रतिशत किया गया है और लांग टर्म केपिटल गेन पर टैक्स 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है , यह कदम शेयर बाजार को लंबे समय में प्रभावित कर सकता है. बजट सामान्य तो संतुलित ही है.
–सीए, अतिन अग्रवाल (ट्रेड इंडिया विथ अतिन)
रोजगार पर फोकस
रोजगार, कौशल विकास से जुड़ी 5 योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ का प्रावधान क्रांतिकारी कदम है. 4.1 करोड़ युवाओं को इससे लाभ मिलेगा. प्रतिवर्ष एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर देने का फैसला स्वागतयोग्य है. जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान होगा. नौकरी में आने वाले 30 लाख युवाओं को एक महीने का पीएफ अंशदान देने का निर्णय लिया गया है और 500 शीर्ष कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप दिलाने की योजना भी खास है जिसमें 5000 रुपये प्रति माह इंटर्नशिप भत्ता और 6000 रुपये की एकमुश्त सहायता होगी. मुद्रा लोन की सीमा 20 लाख तक बढ़ाना, एजूकेशन लोन पर ब्याज पर छूट भी उत्साहजनक कदम हैं.
–प्रो.(डॉ.) संजय द्विवेदी (पूर्व महानिदेशक, भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली)