Andaman में भारत को मिल रही बड़े तेल भंडार की सौगात
ओएनजीसी ने पिछले साल से इस क्षेत्र में खोदे पांच सौ कुएं, क्षेत्र में गैस भी बड़ी मात्रा में
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के एक बयान ने भारतवासियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है और वह बयान यह है कि भारत की कच्चे तेल के मामले में विदेशों पर निर्भरता खत्म होने वाली है. पुरी के अनुसार अंडमान निकोबार में तेल की खोज को लेकर जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिलने की संभावना बन रही है. यह तेल भण्डार गुयाना के तेल भंडार के बराबर भी हो सकता है. पुरी का कहना है कि कृष्णा गोदावरी बेसिन मामले में तो एक जगह थी लेकिन इस बेसिन में काफी जगहों पर अलग अलग खजाने मिल रहे हैं. अंडमान निकोबार में ONGC ने 2024 अंडमान में तेल कुएं खोदने शुरु किए थे और अब तक 500 से ज्यादा कुएं खोदे जा चुके हैं. यदि पुरी के बताए मुताबिक यहां तेल का भण्डार मिला तो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ी राहत की बात होगी. इस फैले हुए क्षेत्र के दूसरे हिस्से यानी म्यांमार और इंडोनेशिया में दोनों देशों को तेल मिल चुका है इसलिए इस क्षेत्र से तेल मिलना कोई अचरज की बात भी नहीं है.
इस क्षेत्र में गैस भण्डार भी हैं. यहां छोटे-छोटे तेल क्षेत्र तो पहले भी मिलते रहे हैं जिनसे उम्मीदें बनती हैं. मंत्री पुरी ने गुयाना का नाम खासतौर पर इसलिए लिया क्योंकि यहां की अर्थव्यवस्था तेल मिलने के बाद से पूरी तरह बदल चुकी है. यहां तक कि गुयाना को नया क़तर कहा जाने लगा है. अभी भारत की 80 प्रतिशत तेल जरूरतें आयात पर निर्भर हैं और इस सासल भी देश 10 लाख करोड़ से अधिक का तेल खरीद रहा है. यदि अंडमान में बड़े तेल भंडार मिले तो भारत को अगले पांच सालों में 50 लाख करोड़ से ज्यादा की बचत हो सकती है.