Adani के लिए राहत का संदेश लाए ट्रंप
भारत में भारतीय अफसरों को रिश्वत देने की प्लानिंग करने का आरोप बतायाय था अमेरिकी एजेंसी ने
अमेरिका में गौतम अडानी के लिए जो मुश्किलें बिडेन सरकार खड़ी कर रही थी उससे ट्रंप राहत देते नजर आ रहे हैं दरअसल ट्रंप ने 50 साल पुराने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (एफसीपीए) को निलंबित करने का निर्णय लिया है. उन्होंने इस कानून के तहत दिए गए फैसलों की समीक्षा करने के लिए भी गाइडलाइन बनाने की बात कह दी है. ऐसे में जस्टिस डिपार्टमेंट उन अमेरिकियों पर मुकदमा नहीं चला सकेगा जिन पर अन्य देशों में व्यापार के लिए रिश्वत देने के आरोप होंगे.
अमेरिका की पिछली डेमोक्रेट सरकार ने अडानी पर रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट लेने के लिए भारतीय अफसरों पर रिश्वत देने आरोप लगाया था औा इस मुद्दे की विपक्ष ने जमकर चर्चा भी की थी. एफसीपीए कानून अमेरिकी संस्थाओं को विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने से रोकने के लिए लागू किया गया था. अमेरिका में छह सांसदों ने अडानी ग्रुप पर हुई कार्रवाई की जांच की मांग करते हुए कहा है कि भारत अमेरिका रिश्तों को खराब करने के लिए जानबूझकर तो बिडने प्रशासन ने यह सब नहीं किया था. अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को पत्र लिखकर इन सांसदों ने भारत को अहम साझेदार बताया है और कहा है कि बिडेन प्रशासन की कार्रवाई से अमेरिका को नुकसान पहुंचा है. सांसद लांस गुडेन, पैट फॉलन, माइक हरिडोपोलोस, ब्रैंडन गिल, विलियम आर टिम्मन्स और ब्रायन बेबिन ने कहा कि बिडेन के इस फैसले को बेवकूफीभरा बताया है. इसे भटकाने वाला कैंपेन बताते हुए 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में दर्ज इस केस को फर्जी बताया है. अमेरिकी न्याय विभाग ने जो दस्तावेज अदालत में दिए उनमें भी रिश्वत देने की बात न कहते हुए कहा गया है कि रिश्वत ऑफर करने की प्लानिंग की बात कही गई.