adani की कंपनी का चीन से सीधा मुकाबला
वियतनाम का बंदरगाह बनाने की सैद्धांतिक अनुमति मिली
अडानी की कंपनी को अब वियतनाम में आधुनिक बंदरगाह करने की भी सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड की यह परियोजना वियतनामी सरकार के दा नांग में ग्रीनफील्ड डेवलपमेंट करेगी. एमडी करण अडानी के अनुसार इस प्रोजेक्ट के कार्यों के लिए कंटेनर टर्मिनल और मल्टीपर्पस बर्थ की जरुरत है. प्रोजेक्ट में निवेश का विवरण अभी तय नहीं है. अडानी समूह का यह चौथा अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह है जिस पर उनकी कंपनी काम कर रही है. इस क्षेत्र में फिलहाल चीन का रुतबा है. कंपनी की ओर से कहा गया है कि हमारा लक्ष्य भारत को एक समुद्री केंद्र बनाना है. हम उन देशों पर फोकस कर रहे हैं जहां बड़े पैमाने पर उत्पादन और बड़ी आबादी है. हमारा लक्ष्य निर्यात बढ़ाना है. कंपनी को अडानी पोर्ट्स से अपने कुल कारोबार का 5% अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों से मिलता है इसे अगले पांच सालों में दोगुना करने का लक्ष्य है. कंपनी मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी अफ्रीका, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, वियतनाम और कंबोडिया में काम कर रही है. चीन से बेहतर प्रतिस्पर्धा के लिए अडानी ने विस्तार की समयसीमा को 2045 से घटाकर 2028 किया है यानी कंपनी सभी कामों में बेहद तेजी से काम करने को प्रयासरत है.