13,000 करोड़ की योजना पर काम शुरू
लड़ाकू प्लेन के बाद अब सरकार खिलौनों पर कर रही फोकस
भारत सरकार ने देश की युद्धक विमानों और हाइटेक चिप बनाने को अपने प्रोजेक्ट में शामिल किया है वहीं खिलौनों के मामले में भी विशेष कोशिशें की जा रही हैं. दरअसल इस योजना का विजन है कि भारत जल्द ही खिलौनों का वैश्विक विनिर्माण हब बन जाए. इसके लिए एक 13,000 करोड़ की योजना लागू करते हुए खिलौनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने, आयात पर निर्भरता कम करने और वैश्विक बाजार में भारतीय खिलौनों की हिस्सेदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. योजना में चीन जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा करते हुए खिलौनों के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के कदम उठाए जा रहे हैं. 13,000 करोड़ के प्रस्तावित निवेश वाली इस योजना में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करेंगी. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों में खिलौने बनाने के लिए पहले से कई सुविधाएं उपलब्ध हैं.
भारत में खिलौनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है लेकिन अभी भी हम 70 प्रतिशत से भी ज्यादा खिलौनों का आयात करते हैं और इनमें से अधिकतर चीन से बुलाए जाते हैं. इस योजना को सही तरीके से लागू किया गया, तो इससे भारत की घरेलू मांग पूरा की जा सकेगी और वैश्विक बाजार में भी मजबूत पहचान बन सकेगी.
