Trainee IAS पूजा का मामला और उलझा
जितने सर्टिफिकेट दिए उन पर भी सवाल, कैसे बन गईं ट्रेनी आईएएस
पुणे में ट्रेनी आईएएस पूजा खेड़कर द्वारा कलेक्टर से फिजूल मांग करने और उसके पिता द्वारा धमकाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है और माना जा रहा है कि इसमें और भी कई परतें खुलेंगी. वैसे तो नेहा का ट्रांसफर पुणे से कर दिया गया है लेकिन जो खुलासे आ रहे हैं उनसे लगता है कि जल्द ही उनका आईएएस होना भी खटाई में पड़ सकता है. ट्रेनी आईएएस के मामले में यह तो पहले ही सामने आ रहा था कि पूजा ने न सिर्फ बीकन वाली गाड़ी की मांग की थी बल्कि कई और ऐसी सूची थमा दी थीं जो ट्रेनी को नहीं दी जा सकती हैं. बाद में यह भी सामने आया कि पूजा जो महंगी निजी गाड़ी लेकर घूमती हैं उस पर उन्होंने अनधिकृत तरीके से न सिर्फ बीकन लगवाया है बल्कि महाराष्ट्र सरकार भी लिखवा लिया. इसके बाद जब और जांच हुई तो यह भी पता चला कि पूजा ने विकलांगता सर्टिफिकेट दिया था जिसमें उन्होंने खुद को मानसिक और दृष्टिबाधित बताया था लेकिन जब जांच की बात आई तो वे लगातार जांच के लिए जाने से बचती रहीं और एक बार पहुंचीं भी तो आधी जांच से ही भाग गईं. इसके बाद भी वो सिविल सेवा नियुक्ति कैसे ले पाईं इस बात पर सवाल खड़े हो गए हैं. चूंकि पूजा के पिता भी रिटायर्ड आईएएस हैं और वे लगातार दखलंदाजी करते रहे हैं इसलिए उनकी भूमिका पर भी सवाल हैं. इस पूरे प्रकरण में एक पुराने वीडियो ने भी नया मोड़ ला दिया है, यह वीडियो पूजा के कोचिंग में लिए गए मॉक टेस्ट का है जिसमें उससे पूछा गया है कि पिता के आईएएस होते हुए भी उसने अपने पिता की आय शून्य क्यों दर्शाई है और इस सवाल का जवाब पूजा को नहीं सूझ रहा है. जांच में अब यह बात भी शामिल की जा सकती है कि क्या वाकई पूजा ने अपने पिता की आय शून्य बताकर यहां भी गड़बड़ की है. पुणे कलेक्टर को धमकाने वाले उसके पिता पर भी इन सारी बातों में पूजा का साथ देने का मामला बन सकता है क्योंकि पूजा की 821वीं रैंक थी और इतनी गड़बड़ियों के बाद भी वह सिविल सेवा में नियुक्ति पा गईं जहां उनके दिए कागजात ही सवालों के दायरे में हैं.