Sheela की तारीफ, संदीप का Share करना और दिल्ली की राजनीति
दिल्ली में वोटिंग का दौर जारी है और यहां की राजनीति कई मामलों में पहले ही गर्माई हुईग् है, ऐसे में मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व.शीला दीक्षित की तारीफ कर दी और इस तारफ से गदगद उनके बेटे कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने इस तारीफ वाले हिस्से को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. इसके बाद तो कांग्रेस और आप में इस बात पर चर्चा तेज हो गई कि आखिर संदीप के इरादे क्या हैं. दरअसल मोदी को धन्यवाद देते हुए संदीप ने यह भी लिखा है कि उनके राजनीतिक मतभेद बने हुए हैं लेकिन इस बात पर कोई ज्यादा ध्यान दे नहीं रहा है क्योंकि दिल्ली में आप से जुड़ने के बाद कांग्रेसी नेता पहले ही हैरान हैं कि वे किस तरह आप के साथ आने के निर्णय का बचाव करें. संदीप दीक्षित भी इस मामले में मुखर रहे हैं और केजरीवाल ने यदि किसी नेता पर सबसे पहले और सबसे तीखे हमले किए थे तो शीला दीक्षित ही थीं. संदीप तब भी केजरीवाल की इस हरकत पर हैरान रह गए थे क्योंकि वे केजरीवाल के लंबे समय तक मित्र और सहकर्मी रहे थे. ऐसे में केजरीवाल का शीला दीक्षित को ही निशाने पर लेना संदीप की समझ से परे था लेकिन केजरीसवाल को राजनीति चमकानी थी इसलिए उन्होंने किसी साथ और मित्रता का कभी लिहाज नहीं किया. अब संदीप दीक्षित ने इंटरव्यू के हिस्से को शामिल करते हुए लिखा है कि ‘हमारे राजनीतिक मतभेद बने हुए हैं, फिर भी यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुत कृपा है कि उन्होंने शीला दीक्षित और उनके योगदान को याद किया. मेरी मां और प्रधानमंत्री मोदी 12 वर्षों तक एक साथ अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री रहे और अक्सर विभिन्न मंचों पर बातचीत करते थे। सार्वजनिक जीवन में ऐसा शिष्टाचार आवश्यक है.’
पीएम मोदी ने क्या कहा था?
पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कहा कि ‘एक और मुख्यमंत्री हैं, जो बहुत बड़ी बातें करते हैं, शीला दीक्षित को कितनी गालियां दी और कितना बदनाम किया था और मैं व्यक्तिगत रूप से शीला दीक्षित जी का सम्मान करने वाले व्यक्तियों में से हूं. लेकिन, उनके ऊपर जो आरोप लगाए हैं, वह भी जीवन के आखिरी दिनों में उन्हें जिस तरह से बदनाम किया गया. मैंने उन्हें निकट से देखा है, ये बातें मेरे गले से नहीं उतरती हैं.’
नाराजी की वजहें भी हैं
संदीप दीक्षित ने पार्टी से टिकट की मांगी थी लेकिन उनकी जगह पार्टी ने कन्हैया कुमार को ज्यादा बेहतर मानते हुए टिकट दे दिया. ऐसे में संदीप समर्थकों का और कई कार्यकर्ताओं का असंतोष सामने आ गया. एक बैठक में तो कन्हैया और संदीप के बीच सीधी झड़प भी हो चुकी है क्योंकि संदीप ने कन्हैया को इस बैठक में ‘बाहरी’ कह दिया था, कन्हैया ने जवाब में कहा था कि आप भाजपा की भाषा बोल रहे हैं. अब कन्हैया के समर्थक सभी जगह कहते फिर रहे हैं कि हम तो पहले ही कह रहे थे कि संदीप भाजपा की भाषा में बात करते हैं.